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मुख्य समाचार

चट्टान की तरह हमारे पीछे खड़े रहे अमित शाह: एकनाथ शिंदे

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Amit Shah Eknath Shinde in PUNE

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पुणे। चुनाव आयोग ने हाल ही में शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को सौंप दिया है। इसी के साथ महाराष्ट्र में बीते काफी समय से जारी असली शिवसेना-नकली शिवसेना के विवाद पर ब्रेक लग गया।

हालांकि, उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है, उन्होंने इसे शिवसेना के नाम और निशान की चोरी करार दिया है। अब इस पूरे विवाद पर पहली बार महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे का बयान आया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ पुणे में एक कार्यक्रम में शिंदे ने पूरे घटनाक्रम को लेकर अपनी बात रखी।

क्या बोले एकनाथ शिंदे?

शिवसेना में अपने समर्थन वाले विधायकों को तोड़कर महाराष्ट्र में भाजपा के समर्थन वाली सरकार बनाने को लेकर एकनाथ शिंदे ने बयान दिया। उन्होंने अमित शाह की मौजूदगी में उनकी तारीफ करते हुए कहा, “अमित शाह जी ने मुझे कहा था, शिंदे जी आप आगे बढ़ें। हम एक चट्टान की तरह आपके पीछे खड़े रहेंगे। शाह जी ने जो कहा था, वही किया।”

शिवसेना विवाद पर अमित शाह ने ली उद्धव गुट की चुटकी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असली शिवसेना विवाद पर चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। शनिवार को पुणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कल सत्यमेव जयते शब्द चरितार्थ हो गया। चुनाव आयोग ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।

उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना और धनुष बाण दोनों मिल गए। जो लोग झूठ का सहारा लेकर चिल्ला रहे थे, आज उन्हें पता चल गया है कि सच्चाई किसके पक्ष में है। उन्होंने कहा कि आज पुणे के कार्यकर्ताओं को एक संकल्प करके जाना है कि महाराष्ट्र की सभी सीटें शिवसेना और भाजपा के खाते में आएंगे।

अमित शाह ने कार्यक्रम में पुस्तक ‘मोदी @20’ के मराठी संस्करण का विमोचन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे। उन्होंने दोहराया कि 2019 के विधानसभा चुनावों के पहले मुख्यमंत्री पद साझा करने पर कोई सहमति नहीं हुई थी।

बता दें, 2019 के विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। इसमें दावा किया गया था कि भाजपा ने उसके साथ सीएम का पद साझा करने का वादा किया था।

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नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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