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अनंतनाग में एक और जवान शहीद, सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जारी; चारों ओर से घिरे आतंकी

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Baramulla Encounter

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श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ अभी भी जारी है। इस मुठभेड़ में डीएसपी, कर्नल और मैजर बलिदान हो गए थे। वहीं, आज इस मुठभेड़ में लापता जवान का शव बरमाद हुआ है। आज एक लापता जवान का शव मिलने के साथ बलिदानी सुरक्षाकर्मियों की संख्या चार हो गई है।

सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी जारी

अधिकारिक तौर पर किसी भी सैन्याधिकारी या पुलिस अधिकारी ने लापता जवान का शव मिलने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह जरूर कहा है कि एक घायल जवान अपने जख्मों को न सहते हुए बलिदानी हो गया है। इस बीच, सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है। घेराबंदी में फंसे आतंकियों में से किसी के मारे जाने या जख्मी होन की तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है।

पेड़ों व झाड़ियों के बीच देखा गया जवान का शव

आतंकियों को ढूंढने के लिए खिलाफ हेरोन ड्रोन भी इस्तेमाल किया जा रहा है। संबधित सूत्रों ने बताया कि आज सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही जवानों ने आतंकियों को मार गिराने का अपना अभियान दोबारा शुरू किया।

जैसे ही जवान पहाड़ी पर आगे आतंकी ठिकानो की तरफ बढे़, आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। इसी दौरान जवानों ने वहां पेड़ों व झाड़ियों के बीच एक जगह अपने एक साथी का शव देखा।

मुठभेड़स्थल से नहीं लाया गया लापता जवान का शव

बताया जा रहा है कि शव लापता जवान का है। उन्होंने बताया कि बलिदानी जवान का शव मुठभेड़स्थल से अभी नीचे नहीं लाया गया है। शव ठीक आतंकी ठिकाने के सामने पड़ा है। गडोल अनंतनाग में यह मुठभेड़ मंगलवार की देर रात गए उस समय शुरू हुईं थी, जब वहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर पुलिस और सेना की 19 आरआर के जवानों ने मिलकर एक तलाशी अभियान चलाया था।

एक से दो जवान लापता और पांच घायल

आतंकियों ने गांव के बाहरी छोर पर स्थित एक सीधी पहाड़ी पर अपना ठिकाना बना रखा है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मी एक ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) को इस ठिकाने की तरफ लेकर जा रहे थे कि आतंकियों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया।

जिसमें सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बलिदानी हो गए। मुठभेड़ में एक से दो जवान लापता हाे गए और पांच अन्य जख्मी हुए।

TRF के दो कमांडर मुठभेड़ स्थल पर फंसे

लापता जवानो के बारे में संबधित अधिकारियों ने लगातार चुप्पी साध रखी है। बलिदानी कर्नल और बलिदानी मेजर का पार्थिव शरीर बीती रात ही उनके परिजनों के पास भेजा गया है। गडोल में छिपे आतंकियों में TRF कमांडर उजैर व गाजी उस्मान के फंसे होने का दावा किया जा रहा है। उजैर गडोल के साथ सटे नागाम का रहने वाला है और करीब एक वर्ष पहले ही आतंकी बना है।

ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से चलाया जा रहा है सर्च ऑपरेशन

संबधित अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबल किसी भी नुक्सान से बचने के लिए पूरी सावधानी के साथ धीरे धीरे आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली गई है। आतंकियों को चारों तरफ से घेर उनके भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।

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नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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