उत्तर प्रदेश
सशस्त्र बल मात्र रक्षा ढांचा नहीं, यह राष्ट्र की सुरक्षा की एक मजबूत नींव भी: सीएम योगी
लखनऊ| सशस्त्र बल केवल एक रक्षा ढांचा मात्र नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्र की सुरक्षा की एक मजबूत नींव भी है, इसे हमें याद रखना चाहिये। हमारे वीर जवान अपनी जान की परवाह किए बगैर देश की सेवा में तत्पर रहते हैं। यही वजह है कि वह जन जनमानस के मन में राष्ट्र नायक के रूप में सम्मान प्राप्त करते हैं। हमें गर्व है कि हमारे पास ऐसी सक्षम और समर्पित सेना है, जो हर स्थिति में देश की सुरक्षा करने में सक्षम है। भारत की सेना दुनिया की अद्वितीय सेना है, जिसने सदैव अपनी ताकत, अनुशासन और तकनीकी क्षमता का लोहा न केवल दुश्मनों को मनवाया है, बल्कि देश के अंदर भी सम और विषम दोनों परिस्थितियों में एक सकारात्मक भूमिका के साथ कार्य करते हुए अपना उत्कृष्टतम प्रदर्शन और सहयोग दिया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सशस्त्र सैन्य समारोह में कही। उन्होंने कहा कि इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एकीकृत कमान, जिसमें थल, नभ और जल तीनों सेनाएं आपसी समन्वय से आसानी से कैसे दुश्मन को परास्त कर विजय प्राप्त करती हैं, उसकी एक झलक हम सबने यहां देखी है।
वीर सैनिकों और नारी के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के बहादुर सैनिकों की सजगता का ही परिणाम है कि आज विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत पूरी मजबूती के साथ अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने और बड़े से बड़े षड्यंत्र को असफल करने में सक्षम हुआ है। हमारे बहादुर जवानों का शौर्य और पराक्रम 140 करोड़ भारतवासियों को आश्वस्त करता है। यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश वीरों की भूमि है। देश की सुरक्षा के लिए हर युद्ध में हमारे नौजवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार सेवारत, सेवानिवृत्ति सैनिकों और वीर नारियों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। देश की सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के परिवारजनों को राज्य सरकार 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, सैनिक परिवार के एक सदस्य को उत्तर प्रदेश शासन की शासकीय सेवा में समायोजित करने और शहीद सैनिक की स्मृति को जीवंत बनाए रखने के लिए उनके स्मारक के साथ उनके नाम पर किसी संस्था का नामकरण करने का कार्य भी कर रही है। पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तेजी के साथ आगे बढ़ा है। फरवरी 2018 में लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में दो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर की घोषणा की थी। उसमें से एक उत्तर प्रदेश में 6 नोड पर स्थापित हो रहा है। प्रदेश सरकार ने इन 6 के 6 नोड पर रक्षा मंत्रालय के साथ बेहतरीन तालमेल स्थापित करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया है।
भारत की ही धरती पर होगा आधुनिकतम उपकरण और तकनीक का विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में राजधानी लखनऊ में डीआरडीओ ब्रह्मोस और झांसी नोड में भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्थापित करने की कार्रवाई तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। इन परियोजनाओं से देश की सैन्य शक्ति मजबूत होगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा। आधुनिकतम उपकरण और तकनीक का विकास भारत की ही धरती पर होगा, जिससे हमारी सेवा और भी मजबूत होगी। राष्ट्र रक्षा के इन प्रयासों में उत्तर प्रदेश सदैव अग्रणी भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर से प्रदेश के युवाओं को व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर भी सुलभ हो रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फरवरी 2020 में डिफेंस एक्सपो का सफल आयोजन किया गया। डिफेंस एक्सपो निवेश की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। उत्तर प्रदेश में डिफेंस सेक्टर से संबंधित एचएएल, ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड आदि पहले से ही कार्यरत हैं। वहीं इसके विस्तार को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सैन्य समारोह हमारे समाज और युवा पीढ़ी को एक नई प्रेरणा प्रदान करेगा। सशस्त्र सैन्य समारोह के माध्यम से आम जनमानस को सेना के सामर्थ्य और देश की सुरक्षा में हमारे सैनिकों के महत्वपूर्ण योगदान को समझने का एक अवसर प्राप्त होगा। इसके लिए तीनों सशस्त्र बलों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
उत्तर प्रदेश
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।
मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।
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