Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

अनुच्छेद 370: सिब्बल की दलील पर CJI ने कहा- जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं

Published

on

On Article 370 Sibal and CJI

Loading

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह का कोई सवाल ही नहीं है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी की। सीजेआई की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान बेंच उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं जिनमें अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती दी गई है।

J&K नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन ने अदालत में रेफरेंडम का शिगूफा छोड़ा। उनकी तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले जम्‍मू और कश्‍मीर के लोगों की भावना नहीं जानी गई।

कपिल सिब्बल की दलील थी कि 1957 में J&K संविधान सभा के खत्म होने के बाद अनुच्छेद 370 ने स्थायी रूप ले लिया। सिब्बल ने कहा 370 को निरस्त करना ब्रेक्जिट की तरह ही एक राजनीतिक फैसला था। तब ब्रिटिश नागरिकों की राय जनमत संग्रह के माध्यम से प्राप्त की गई थी। सिब्बल ने कहा कि जब पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था तब ऐसा नहीं था।

सिब्बल की दलीलों से CJI चंद्रचूड़ प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने कहा संवैधानिक लोकतंत्र में, ब्रेक्जिट जैसी स्थिति नहीं हो सकती। संवैधानिक लोकतंत्र में, लोगों की राय जानने का काम स्थापित संस्थानों के माध्यम से किया जाना चाहिए। आप ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह जैसी स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते।

संविधान बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत हैं।

सिब्बल ने पूछा, ‘संसद ने जम्मू-कश्मीर पर लागू संविधान के प्रावधान को एकतरफा बदलने के लिए अधिनियम को अपनी मंजूरी दे दी। यह मुख्य प्रश्न है कि इस अदालत को यह तय करना होगा कि क्या भारत सरकार ऐसा कर सकती है।’

सिब्बल ने जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की अनुपस्थिति में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की संसद की शक्ति पर बार-बार सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि केवल संविधान सभा को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने या संशोधित करने की सिफारिश करने की शक्ति निहित थी। चूंकि संविधान समिति का कार्यकाल 1957 में समाप्त हो गया था, इसलिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को स्थायी मान लिया गया।

नेशनल

दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएम आतिशी ने जा​री किया आदेश

Published

on

Loading

नई दिल्ली। देश की राजधानी में दीपावली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण खतरनाक हो गया है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 के तहत बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल के चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। मुख्‍यमंत्री आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इसके साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना भी वसूला जाएगा।

आतिशी सरकार ने जा​री किया आदेश

राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (चार पहिया वाहन) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अगले आदेश तक राजधानी दिल्ली में बीएस-III मानकों या उससे नीचे के दिल्ली में रजिस्‍टर्ड डीजल संचालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) प्रतिबंध रहेगा।

Continue Reading

Trending