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उत्तर प्रदेश

वाराणसी: ज्ञानवापी में सर्वे जारी, परिसर में दाखिल हुई ASI टीम; क्या मिलेंगे अहम साक्ष्य?

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Gyanvapi Case

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वे जारी है। गुरुवार को एएसआई की टीम सुबह नौ बजे ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई। शाम पांच बजे तक सर्वे चलेगा।

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के अनुसार दोनों पक्षों और उनके अधिवक्ताओं की मौजूदगी में सर्वे का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। वजू-स्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे के लिए कोर्ट से निर्धारित अब महज कुछ ही दिन बचे हैं। छह अक्तूबर तक सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है।

सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं। जिला जज की अदालत ने सभी पक्ष और अधिकारियों को इस मामले में बयानबाजी और टिप्पणी नहीं करने का आदेश दिया है।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते आदेश दिया है कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान हिंदू धर्म और पूजा पद्धति से संबंधित जो भी सामग्रियां मिलें, उन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी को सुपुर्द किया जाए।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में दहेज प्रथा के खिलाफ उठी आवाज

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ-2025 के पावन अवसर पर तीर्थराज प्रयाग में आयोजित परमार्थ निकेतन शिविर में गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, आनंदी बेन पटेल ने उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने यहां राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू जी के श्रीमुख से हो रही श्रीरामचरित मानस कथा का भी श्रवण किया। इस अवसर पर आनंदी बेन पटेल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके पराक्रम और साधना को नमन किया। उन्होंने कहा कि महापुरुष अपने कार्यों और विचारों से सदैव जीवंत रहते हैं।

राज्यपाल का समाज सुधार पर संदेश

राज्यपाल ने बालिकाओं के सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया। उन्होंने बेटियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की। साथ ही, दहेज प्रथा के खिलाफ समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।

पूज्य बापू का ज्ञान मार्ग

राष्ट्रसंत मोरारी बापू ने श्रीरामचरित मानस के माध्यम से श्रद्धा और आस्था का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि कथा, धर्म और परमार्थ का गूढ़ अर्थ प्रदान करती है। मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित मानस, श्रीराम का सजीव चरित्र है। उन्होंने पूज्य बापू की कथा को सत्य, प्रेम और करुणा का संगम बताया।स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने नेताजी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सत्संग और कथा मन की गुलामी से आज़ादी प्रदान करती है।

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