खेल-कूद
एशियाई खेलों में रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े एथलीटों ने बिखेरी चमक, जीते 12 पदक
मुंबई। भारत ने एशियाई खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 107 पदकों के साथ भारत पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहा। इस रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन में रिलायंस फाउंडेशन के एथलीटों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने 12 पदक जीते। #LehraDoTeamIndia.
एशियाई खेलों में भारत की विशाल जीत पर खुशी जाहिर करते हुए रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर चेयरपर्सन श्रीमती नीता अंबानी ने कहा “100 से अधिक मेडल्स जीतने पर टीम इंडिया को बधाई! एशियन गेम्स में हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। हमें रिलायंस फाउंडेशन के युवा एथलीट्स पर भी बहुत गर्व है। जिन्होंने एशियाई गेम्स में 12 से अधिक मेडल्स जीते हैं। किशोर जेना, ज्योति याराजी, 17 साल की पलक गुलिया और रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े हुए सभी एथलीट्स को भी बहुत बधाई । रिलायंस फाउंडेशन हमेशा टीम इंडिया के साथ खड़ा रहेगा। बस आप भारत का गौरव यूंही बढ़ाते रहें।“
रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े जिन 12 एथलीट्स ने पदक जीते हैं उनमें से लवलीना बोरगोहेन और किशोर जेना ने पेरिस ओलंपिक में अपना स्थान पक्का कर लिया है। एशियाई खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें ओलंपिक खेलों में सीधा प्रवेश मिलेगा।
· मुक्केबाजी में टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने महिलाओं के 75 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता, जिससे उन्हें 2024 में पेरिस ओलंपिक में जगह मिली। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक मुकाबले तक पहुंचने वाली दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बन गईं हैं।
· किशोर जेना ने 87.54 मीटर भाला फेंक कर रजत पदक जीता, इस बेहतरीन प्रदर्शन के बूते उन्हें नीरज चोपड़ा के बाद भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ी के रूप में लोग जानने लगे हैं। 2023 में जेना ने अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सात बार सुधार किया है। इस वर्ष से पहले उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 78.05 मीटर था।
युवा प्रतिभा पलक गुलिया 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं
· युवा निशानेबाज पलक गुलिया ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और 10 मीटर एयर पिस्टल महिला टीम के हिस्से के रूप में रजत पदक जीतकर दोहरी कामयाबी हासिल की। वह इस संस्करण में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज बनी। साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब हासिल किया।
रिलायंस फाउंडेशन के एथलीटों ने ट्रैक पर भी अपनी चमक बिखेरी- 10,000 मीटर में पदक का इंतजार 25 साल बाद खत्म हुआ। भारत ने इस एशियाड में छह स्वर्ण, 14 रजत और नौ कांस्य सहित 29 पदकों के साथ एथलेटिक्स स्पर्धाओं में पूरी तरह से अपना दबदबा बनाया – जो कि एथलेटिक्स में 1951 में उद्घाटन संस्करण के बाद से भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।
· कार्तिक कुमार और गुलवीर सिंह ने पुरुषों की 10,000 मीटर स्पर्धा में 25 साल का पदक सूखा समाप्त कर दिया। दोनों ने अपना अब तक का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया। 1998 के बैंकॉक एशियाड में गुलाब चंद के कांस्य पदक के बाद से इस प्रतियोगिता में भारत का यह पहला पदक है।
· ज्योति याराजी ने महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीतकर असाधारण प्रदर्शन किया, और इस स्पर्धा में भारत के लिए पदक जीतने वाली वे पहली महिला बनीं।
· मोहम्मद अफसल ने पुरुषों की 800 मीटर स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया, जबकि जिन्सन जॉनसन पुरुषों 1500 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ जीत की राह पर लौटे, 1500 मीटर स्पर्धा में एशियाई खेलों के कई संस्करणों में पदक जीतने वाले वे पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं।
खेल-कूद
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की तबियत खराब, हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया
मुंबई। भारतीय टीम के क्रिकेटर विनोद कांबली का अभी सचिन तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह सचिन को अपने बैठने के लिए कहते हैं। दोनों पुराने दोस्त कोच रमाकांत आचरेकर के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मिले थे। इस कार्यक्रम में भी कांबली की हालत खराब लग रही थी। कांबली का जब तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप 1983 का खिताब जीतने वाले सदस्य उनकी मदद के लिए सामने आए। कपिल देव आर्थिक तौर उनकी मदद के लिए तैयार थे। अब फैंस के लिए दिल तोड़ने वाली खबर आई है। कांबली की तबियत अचानक खराब हो गई है और उन्हें ठाणे के प्रगति हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। फिलहाल डॉक्टर्स की टीम उनकी देखभाल कर रही है और सभी जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं।
करियर की शुरुआत में भारत के किया दमदार प्रदर्शन
विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए साल 1991 में वनडे में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट में साल 1993 में टेस्ट में डेब्यू किया। शुरुआत में तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए दमदार प्रदर्शन किया था। वह भारत के लिए सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने 14 पारियों में ऐसा किया था। लेकिन बाद में वह प्रदर्शन को छोड़कर निजी जीवन के लिए फेमस रहे।
ऐसा रहा है विनोद कांबली का करियर
विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए 17 टेस्ट मैचों में कुल 1084 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने टीम इंडिया के लिए कुल 104 वनडे मैचों में कुल 2477 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। 2000 के दशक में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा और इसी वजह से वह टीम इंडिया से बाहर हो गए। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी वनडे मैच साल 2000 में श्रीलंका के खिलाफ खेला।
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