उत्तर प्रदेश
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की हालत स्थिर, आरोपियों की गिरफ्तारी की अटकलें
सहारनपुर। भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर पर बुधवार शाम को जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को सहारनपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अधिकारियों ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। गौरतलब है कि चंद्रशेखर पर देवबंद की गांधी कॉलोनी में कार में आए बदमाशों ने कल चार राउंड फायरिंग कर दी। एक गोली चंद्रशेखर के पेट को छूकर निकल गई। वह घायल हो गए और उनकी कार के शीशे भी टूट गए।
चंद्रशेखर को पहले देवबंद के सरकारी अस्पताल में उपचार दिलाया गया। इसके उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बड़ी संख्या में अस्पताल में समर्थक एकत्र हो गए। हमले का कारण अभी ज्ञात नहीं हो सका है। आजाद से अस्पताल में मुलाकात करने के बाद सहारनपुर के एसपी अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि आजाद की स्थिति स्थिर है। उन्हें अस्पताल से आज छुट्टी दे दी जाएगी। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
तेहरवीं से लौट रहे थे चंद्रशेखर
बुधवार शाम चंद्रशेखर देवबंद की गांधी कॉलोनी निवासी अधिवक्ता अजय कुमार की माता की तेहरवीं में शामिल होने आए थे। शाम करीब साढ़े पांच बजे वह अपनी फॉर्च्यूनर कार से लौट रहे थे। उनके साथ कार में जिला पंचायत सदस्य कारी नौशाद और महक सिंह सहित कई पदाधिकारी भी बैठे थे।
फ्लाईओवर के नीचे यूनियन तिराहे के पास कार सवार बदमाशों ने उनपर चार राउंड फायरिंग की, जिसमें एक गोली उनके पेट को दाईं ओर छूकर निकल गई, जिससे वह घायल हो गए। हाईवे पर फायरिंग से अफरा तफरी मच गई। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी ने ट्वीट कर हमले की निंदा की है।
हरियाणा नंबर की कार में थे हमलावर
पुलिस की अभी तक जांच में सामने आया कि चंद्रशेखर पर हमला करने वाले दो लोग थे, जबकि तीसरा व्यक्ति कार चला रहा था। बदमाशों की कार का नंबर हरियाणा का था। भीम आर्मी के पूर्व मंडल अध्यक्ष दीपक बौद्ध के मुताबिक स्टेट हाईवे पर जानकारी करने पर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार में सवार दो लोगों ने चंद्रशेखर पर फायरिंग की, जबकि एक व्यक्ति कार चला रहा था।
बदमाशों की कार पकड़े जाने की चर्चा
आसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमला करने वाले बदमाशों की कार पकड़े जाने की चर्चा देर रात तेज हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने कार को सहारनपुर क्षेत्र में ही बरामद कर लिया है, लेकिन बदमाशों नहीं पकड़े गए। वहीं सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने ओरापियों को भी पकड़ लिया है। हालांकि, इस पर अभी कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि जल्द ही वारदात का खुलासा होगा।
उत्तर प्रदेश
कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया
कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर
अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।
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