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अन्तर्राष्ट्रीय

बड़ी खुशखबरी: थाइलैंड-श्रीलंका के बाद अब मलेशिया में भारतीयों की वीजा फ्री एंट्री, 1 दिसंबर से मिलेगी सुविधा

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Malaysia Visa-Free Entry

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कुआलालंपुर। अगर आप भी मलेशिया जाने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब भारतीयों के लिए मलेशिया जाना और भी आसान हो गया है। दरअसल, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने घोषणा की कि मलेशिया 1 दिसंबर से 30 दिनों तक रहने के लिए चीन और भारत के नागरिकों को वीजा-मुक्त प्रवेश देगा। अनवर ने रविवार देर रात अपनी पीपुल्स जस्टिस पार्टी कांग्रेस में एक भाषण के दौरान यह घोषणा की। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वीजा छूट कितने समय के लिए लागू होगी।

थाइलैंड-श्रीलंका में पहले ही वीजा फ्री एंट्री

बता दें कि थाइलैंड-श्रीलंका में पहले ही भारतीयों को वीजा फ्री एंट्री मिलती है। अब मलेशिया ऐसा करने वाला तीसरा एशियाई देश बन गया है। इससे पहले मलेशिया ने यह छूट कुवैत, सऊदी अरब, बहरैन, यूएई, तुर्की, जॉर्डन और ईरान को दे रखी है। हालांकि, ये सभी मुस्लिम देश हैं।

चीन और भारत के लोग बड़ी संख्या में जाते हैं मलेशिया

यहां बता दें कि मलेशिया जाने वाले सबसे ज्यादा पर्यटकों में चीन के लोगों का चौथा और भारत का पांचवा स्थान है। दोनों देश मलेशिया के लिए बड़े बाजार हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मलेशिया में इस साल जनवरी से जून के बीच 9.16 मिलियन पर्यटक आए, जिनमें चीन से 4 लाक 98 हजार 540 और भारत से 2 लाख 83 हजार 885 पर्यटक आए।

मलेशिया के पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

महामारी से पहले, 2019 की समान अवधि में चीन से 15 लाख और भारत से 3 लाख 54 हजार 486 लोग मलेशिया गए थे। मलेशिया का यह कदम उनके महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और अपनी सुस्त अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए लागू किया गया है।

इस वर्ष छूट पाने वालों में चीनी और भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। वर्तमान में, चीनी और भारतीय नागरिकों को मलेशिया में प्रवेश के लिए वीजा के लिए आवेदन करना पड़ता है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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