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नेशनल

रक्षा निर्माण में भारत को बड़ी कामयाबी, वायुसेना ने किया HDS का सफल परीक्षण

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P7 Heavy Drop System

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नई दिल्ली। रक्षा निर्माण में मेक इन इंडिया के तहत देश ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। DRDO (Defense Research and Development Organization) द्वारा विकसित पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम की मदद से अब युद्ध के मैदान में सात टन तक वजनी साजो सामान को पैराशूट के जरिए आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

भारतीय वायुसेना ने हाल ही में डीआरडीओ की सहयोगी इकाई एरियल डिलिवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADRDE) द्वारा डिजाइन और विकसित हैवी ड्रॉप सिस्टम (HDS) का सफल परीक्षण किया।

क्या होता है HDS?

हैवी ड्रॉप सिस्टम का उपयोग सात टन वजन वर्ग के सैन्य भंडार (वाहन/गोला-बारूद/उपकरण) को पैराशूट से नीचे गिराने के लिए किया जाता है। आईएल-76 विमान के लिए हैवी ड्रॉप सिस्टम (पी-7 एचडीएस) में एक प्लेटफॉर्म और विशेष पैराशूट सिस्टम शामिल होता है। पैराशूट सिस्टम एक मल्टी-स्टेज पैराशूट सिस्टम है, जिसमें पांच मुख्य कैनोपी, पांच ब्रेक शूट, दो सहायक शूट, एक एक्सट्रैक्टर पैराशूट शामिल हैं।

इसका प्लेटफॉर्म एल्यूमीनियम और स्टील के मिश्रण से बना एक धातु संरचना है। इस सिस्टम को 100 फीसदी स्वदेशी संसाधनों के साथ सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। पी-7 एचडीएस को सेना में शामिल कर लिया गया है। पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम का निर्माण एलएंडटी कंपनी कर रहा है जबकि इसके लिए पैराशूट का निर्माण ऑर्डनेंस फैक्टरी कर रही है।

पैराशूट पर तेल और पानी का नहीं होगा असर

पैराशूट पर तेल व पानी का कोई असर नहीं होता है और इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल भी किया जा सकता है। डीआरडीओ काफी लंबे समय से इस सिस्टम को बनाने की तैारी कर रहा था। पिछले करीब पांच सालों से हैवी ड्रॉप सिस्टम का परीक्षण जारी है।

नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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