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उत्तर प्रदेश

पीलीभीत में बीजेपी विधायक के भाई की दबंगों ने पीट-पीटकर की हत्या, आठ लोग घायल

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पीलीभीत। यूपी के पीलीभीत में बीजेपी विधायक बाबू राम पासवान के चचेरे भाई की गांव के ही दबंगो ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस खूनी संघर्ष में आठ लोग घायल भी हुए हैं। गांव के दो पक्षों के बीच हुए कलह ने ऐसा रूप ले लिया कि 70 वर्षीय बुजुर्ग फूलचंद की मौत हो गई।

घटना पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के उदरहा गांव की है। यहां बीजेपी विधायक बाबूराम पासवान के चचेरे भाई फूलचंद के पोते की शादी का समारोह चल रहा था। तभी गांव के पास का ही महेंद्र पाल नाम का शख्स अपने साथियों के साथ उनके घर में घुस आया और मारपीट करते हुए फूलचंद की पोती को खींचकर कर अगवा करने की कोशिश करने लगा।

परिवार के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। जिसके बाद दंबंगों ने परिवार के साथ मारपीट की जिसमें फूलचंद बुरी तरह घायल हो गए। घटना की ख़बर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान फूलचंद की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि दबंग उनकी पोती को अगवा करने के लिए आए थे, जिसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी, जिसमें आठ लोग घायल हो गए हैं।

घायलों में मृतक फूलचंद के बेटे राम सहाय, समधि कालीचरण, शिव कुमार और उनकी गर्भवती पोती भी शामिल हैं। इस घटना के बाद बीजेपी विधायक बाबूराम पासवान अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए और आरोपी महेंद्र समेत सभी आरोपियों को गिरफ़्तार करने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना, कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा नहीं

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में जमकर प्रदर्शन किया। लोकसेवा आयोग के दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।

अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।

उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

 

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