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उत्तर प्रदेश

ब्रह्मकुमारीज जानकीपुरम द्वारा, सेवाकेंद्र की स्थापना के 15 वर्ष संपन्न होने पर हुआ विशेष समारोह का आयोजन

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लखनऊ। ब्रह्मकुमारीज जानकीपुरम द्वारा, सेवाकेंद्र की स्थापना के 15 वर्ष संपन्न होने के उपलक्ष्य में विशेष समारोह का आयोजन किया गया। वरदानी भवन सेवाकेंद्र में राजयोग मेडीटेशन एवं आध्यात्मिक ज्ञान को जन साधारण तक पहुंचाने में इस संस्था ने समाज में बहुत विशेष योगदान दिया है। इस ज्ञान और योग के अभ्यास से मानव जीवन की सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान दिया है।

समारोह में राजनीति, शिक्षा, मीडिया, प्रशासन, चिकित्सा, सामाजिक कार्य से संबंधित गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया। फ्रांस से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका Sister डेनिस ने अपना जीवन का अनुभव तथा मेडिटेशन पर अपने शोध एवं इसके लाभ सभी के साथ साझा किए। भारत में मनाएं जाने वालें प्रत्येक त्यौहार पर युवाओं में व्यसन वृत्ति और कुरीतियों का बढ़ना, ये दिखाता है की हम अपनी भारतीय संस्कृति और मूल संस्कारों से दूर हो गए हैं। अपने युवाओं को फिर से अपनी संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था निरंतर सफल रूप से अपनी सेवाएं दे रही है।

राजयोग मेडिटेशन ऐसी विधि है जिसके द्वारा मन की शक्तियों को जागृत कर, सभी बुराइयों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। और यही दीपावली का शुभ संदेश है, आत्मा को ज्ञान और दिव्य गुणों से प्रकाशित करना और विश्व से अज्ञानता के अंधकार को मिटाना। सभी अतिथियों ने अपनी कमजोरियों को हवन कुण्ड में स्वाहा किया और जीवन में गुणों को धारण करने का संकल्प लिया।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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