Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

खरगोन में पीएम आवास योजना के तहत बने मकान पर ही चला दिया बुलडोजर

Published

on

Loading

मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हिंसा हुई थी और हिंसा के बाद मध्य प्रदेश सरकार आरोपियों पर बुल्डोजर कार्रवाई कर रही है। कई लोगों के मकान और दुकान तोड़े जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि यह मकान अतिक्रमण करके बने हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान पर भी कार्रवाई की गई और उसे ढहा दिया गया। खरगोन के खसखसवाड़ी इलाके में जिला प्रशासन द्वारा ये कार्रवाई की गई।

दस्तावेज के अनुसार बिड़ला मार्ग पर स्थित घर हसीना फाखरू के नाम पर उनके पति की मृत्यु के बाद पंजीकृत किया गया था, जो पीएम आवास योजना के मूल लाभार्थी थे। 60 वर्षीय हसीना फाखरू ने रोते हुए बताया कि, “सोमवार सुबह नगर पालिका कर्मियों की टीम बुल्डोजर लेकर पहुंची। उन्होंने मुझे धक्का दिया और बाहर की दीवार पर ये मिटा दिया जहां लिखा था आवास योजना के तहत घर बनाया गया था और घर को मिनटों में ध्वस्त कर दिया।’

2020 में आवास योजना को मिली थी मंजूरी

हसीना और उनके परिवार में कुल 7 लोग हैं, जिसमें पांच बेटे और दो बेटियां हैं। हसीना के 35 वर्षीय बेटे अमजद खान ने कहा कि, 2020 तक हम प्लॉट पर एक कच्चे घर में रहते थे। 2020 में जब आवास योजना के तहत मंजूरी मिली तो हमने पक्का घर बनाया। हमें सरकार से ढाई लाख रुपये मिले और मकान बनाने के लिए एक लाख रुपये और बचा कर रखे थे।

निशाना बनाकर हुई कार्रवाई- पीड़ित

जमीन की पुष्टि के लिए अमजद ने जो रिकॉर्ड पेश किए उनमें एक संपत्ति कर रसीद, तहसीलदार को एक आवेदन, एक पात्रता हलफनामा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक पत्र है जिसमें सीएम ने उन्हें पीएम आवास योजना का लाभार्थी होने पर बधाई दी है। परिवार के अनुसार हसीना को हिंसा से तीन दिन पहले 7 अप्रैल (गुरुवार) को नोटिस दिया गया था, जिसमें उनसे तीन दिनों के भीतर जमीन के स्वामित्व का विवरण देने या ध्वस्तीकरण का सामना करने के लिए कहा गया था। अमजद ने कहा कि ‘लेकिन इसके बाद हुई हिंसा के बाद हमें निशाना बनाकर यह कार्रवाई कर दी गई।’

यह अवैध संपत्तियों के खिलाफ अभियान के तहत इलाके में जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए गए 12 घरों में से एक था। रविवार को हुई झड़प के बाद शहर के चार स्थानों पर कुल 16 घर और 29 दुकानें ध्वस्त की गई। रेंज के आईजी राकेश गुप्ता ने बताया कि अब तक 95 लोगों की गिरफ़्तारी की जा चुकी है। बीती रात छिटपुट हिंसा के बीच नगर में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है।

प्रादेशिक

बिहार में पुरुष शिक्षक हुआ गर्भवती, मैटरनिटी लीव भी मिला, जानें पूरा मामला

Published

on

Loading

हाजीपुर। अक्सर बिहार का शिक्षा विभाग सुर्खियों में रहता है लेकिन इस बार तो शिक्षा विभाग में बड़ा कांड हो गया। शिक्षा विभाग ने एक पुरुष BPSC शिक्षक को गर्भवती बना दिया और मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) भी दे दी। खबर सामने आने के बाद अब बिहार शिक्षा विभाग और टीचरों का मजाक उड़ रहा है।

आधिकारिक वेबसाइट पर हुआ अपलोड

यह मामला हाजीपुर महुआ प्रखंड क्षेत्र के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती का है। यहां पर तैनात बीपीएससी टीचर जितेंद्र कुमार सिंह को शिक्षा विभाग की तरफ से गर्भवती बताकर छुट्टी दे दिया गया है। शिक्षा विभाग के पोर्टल ई शिक्षा कोष पर जितेंद्र कुमार सिंह को मैटरनिटी लीव दिया गया है। शिक्षा विभाग की नजरों में और ऑफिशल वेबसाइट के अनुसार, शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह प्रेग्नेंट हैं और छुट्टी पर हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि मैटरनिटी लीव सिर्फ और सिर्फ महिला टीचर के लिए होती है। महिला शिक्षकों को यह छुट्टी तब मिलती है जब वह गर्भवती हों और बच्चे को जन्म देने वाली हों। लेकिन हाजीपुर में तो मामला ही पलट गया है। यहां तो पुरुष टीचर को भी मैटरनिटी लीव दिया गया है।

शिक्षा विभाग ने मानी गलती

हालांकि इस मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने विभाग की गलती कबूल करते हुए यह बात कहा है कि गड़बड़ी से पोर्टल पर इस तरीके का हुआ है। पुरुष टीचर को इस तरीके की छुट्टी नहीं दी जाती। इसमें जल्द ही सुधार किया जाएगा।

लोग शिक्षा विभाग का बना रहे मजाक

जिस तरीके से एक टीचर को महिलाओं को मिलने वाली छुट्टी दी गई है, उससे जिले के पुरुष शिक्षकों में आक्रोश भी है और हंसी ठिठौली करने का एक अनोखा मुद्दा मिल गया है। शिक्षा विभाग ने कमरे पर जाकर मीडिया से बात करने का अनुमति नहीं दी है नहीं तो टीचर ना जाने क्या-क्या बात मजाक में बोल रहे हैं।

Continue Reading

Trending