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नेशनल

राहुल गांधी को बंगला आवंटित, रवि किशन बोले- ये पीएम मोदी का बड़प्पन; कांग्रेस का पलटवार

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Rahul Gandhi Ravi Kishan

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दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की सांसदी वापस मिलने के बाद मंगलवार को उनका पुराना सरकारी बंगला 12 तुगलक लेन भी वापस मिल गया। गांधी को उनका बंगला वापस मिलने के बाद गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने टिप्पणी की है, जिसपर कांग्रेस ने उनपर पलटवार किया।

राहुल गांधी को सरकारी बंगदला मिलने के बाद बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, “यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़प्पन है, ये भाजपा सरकार की सोच देखिए कि राहुल गांधी कोर्ट से स्टे पर बाहर हैं, लेकिन फिर भी आपको बंगला दे दिया गया है। आप मानिये प्रधानमंत्री के कार्यों को… कभी तो आप उनकी कुछ चीजों की तारीफ कीजिए। कांग्रेस छोड़ कर आप लोगों की घमंडिया पार्टी बनाए हैं तब भी आपको साधुवाद है और नए बंगले के लिए आपको बहुत मुबारक।”

बंगला पीएम मोदी की पैतृक संपत्ति नहीं

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने रवि किशन के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, राहुल गांधी को जो सांसद बंगला वापस मिला है, वह पीएम मोदी की पैतृक संपत्ति नहीं है, बल्कि जनता के वोटों से हासिल किया गया है, न कि पीएम मोदी की मेहरबानी से।

सुप्रिया श्रीनेत ट्वीट करके कहा, “अपने ददिहाल का बंगला दे रहे हैं मोदी जी? सांसद को बंगला जनता के वोट से मिलता है, मोदी जी की दया से नहीं। अक्ल से पैदल एक और बीजेपी के शिरोमणि!

मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने 12 तुगलक लेन को दोबारा आवंटित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है।” बता दें कि राहुल गांधी 2004 में जह सांसद बने थे तब से ही वह 12 तुगलक वाले बंगले में रह रहे थे।

 

 

नेशनल

DRDO ने हाइपरसोनिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण, 1500 किमी से अधिक दूरी तक ले जा सकती है पेलोड

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डीआरडीओ ने 16 नवंबर 2024 को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया है। इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।

मिसाइल को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ DRDO ने स्वदेशी रूप से बनाया है। मिसाइल को कई डोमेन में तैनात अलग-अलग रेंज सिस्टम के जरिए ट्रैक किया गया। डाउन-रेंज शिप स्टेशनों से मिले डेटा ने उच्च सटीकता के साथ सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और प्रभाव की पुष्टि की है।

हाइपरसोनिक मिसाइल कैसे काम करती है?

हाइपरसोनिक मिसाइल ऊपरी वायुमंडल में ध्वनि की गति से 5 गुना से ज्यादा गति (6100 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे ज्यादा) से दूरी तय करती हैं। इसी खूबी की वजह से इन मिसाइलों को आसानी से मार गिराया नहीं जा सकता है, जिससे ये दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने में सफल होती हैं। कई देश ऐसी मिसाइलें बनाने के लिए जुटे हुए हैं। फिलहाल अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के पास ही हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं। उत्तर कोरिया के पास भी हाइपरसोनिक मिसाइल होने का दावा होता रहा है, लेकिन पुख्ता सबूत के साथ पुष्टि नहीं की गई। अभी भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट करके अपनी काबिलियत और ताकत दिखा दी है।

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