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सीबीआई के अफसरों ने बताया- राबड़ी ने ही पूछताछ के लिए बुलाया था

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CBI officers told – Rabri had called for questioning

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पटना/नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के एक दल ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला (Land for job scam) के मामले की जांच के सिलसिले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके आवास पर सोमवार को पूछताछ की।

अधिकारियों ने बताया कि आवास पर कोई तलाशी नहीं हुई या कोई छापा नहीं मारा जा रहा। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। विशेष अदालत ने पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य तथा अन्य लोगों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भेजा है।

उन्होंने कहा कि एजेंसी कथित घोटाला मामले में जांच कर रही है। सीबीआई का दल मामले में आगे की जांच के सिलसिले में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ कर रहा है।

‘राबड़ी ने ही पूछताछ के लिए बुलाया था’

एक न्यूज चैनल के मुताबिक सीबीआई के अफसरों ने बताया कि पूछताछ के लिए राबड़ी देवी को समन किया गया था लेकिन राबड़ी देवी ने सीबीआई की टीम को पूछताछ के लिए पटना आने का आग्रह किया। उधर जब राबड़ी देवी जब विधानपरिषद पहुंची तो उनसे सीबीआई के बारे में सवाल पूछे गए।

तब राबड़ी ने कहा- ‘क्या हुआ, क्या हुआ… हमारा सीबीआई के साथ शुरूए से चलते रहता है, सब ठीक है।’ उधर अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी का दल मामले में लालू प्रसाद के परिवार से कुछ और दस्तावेज भी मांग सकता है।

यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है। यह मामला तब का है जब प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी पदों पर नियुक्त किया गया।

इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन स्थानांतरित की। बाद में इस कंपनी का स्वामित्व प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने अपने हाथ में ले लिया था।

रेलवे नौकरी घोटाले में कसा शिकंजा

यह भी आरोप लगाया गया है कि पटना में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने पांच बिक्री सौदों, दो उपहार सौदों के माध्यम से 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लोगों से ली। इसके लिए विक्रेताओं को नगद भुगतान करने को कहा गया।

इस जमीन की कीमत वर्तमान सर्किल रेट के अनुसार 4.32 करोड़ रुपये है लेकिन लालू प्रसाद के परिवार को यह जमीन इससे बहुत कम दाम में बेची गई। साथ ही आरोप है कि नियुक्तियों के लिए रेलवे प्राधिकरण की ओर से जारी दिशानिर्देशों और आवश्यक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर कथित लाभार्थियों की सेवाएं नियमित की गईं।

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किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने को तैयार, क्या है किसानों की मांग

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नई दिल्ली। अपनी मांगें पूरी नहीं होने को लेकर किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने की तैयारी में हैं. किसानों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना ली है. नोएडा के आक्रोशित किसान भारी संख्या में सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. रविवार को यहां के किसानों और प्राधिकरण के बीच लगभग 3 घंटे तक बैठक चली. लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद किसानों अपनी मांगों को लेकर 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जैसे चार गुना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और 10% विकसित भूखंड जैसी मांगों को लागू करवाना है.

किसानों की महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली कूच की तैयारी

जानकारी के अनुसार, किसान दिल्ली कूच से पहले महामाया फ्लाईओवर के पास दोपहर 12 बजे से जुटना शुरू होंगे. किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र के गांव से आएंगे. किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली लेकर यहां पर पहुंचेंगे. फिर ये यहां से वह एक साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस वजह से एक्सप्रेस-वे पर भी जाम रह सकता है. पुलिस की कोशिश किसानों को रोकने की रहेगी. ऐसे में एक्सप्रेस-वे, महामाया फ्लाईओवर के आस-पास और डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर के रास्तों से आना-जाना मुश्किल होगा. पिछली बार भी किसान जब दिल्ली कूच के लिए जुटे थे तब यहां आस-पास की ट्रैफिक व्यवस्था कई घंटे तक बाधित रही.

क्या है किसानों की मांगें?

किसानों की मांग है कि उनको गौतमबुद्ध नगर में जमीन अधिग्रहण पर पूरे राज्य की तरह की दाम का 4 गुना मुआवजा दिया जाए. किसान कहते हैं कि पिछले 10 सालों में जो सर्किल रेट नहीं बढ़ा है उसे भी बढ़ाया जाए.इसके साथ ही, किसान विकसित भूखंड का 10 फीसदी दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

 

 

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