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उत्तर प्रदेश

माध्यमिक शिक्षा की मजबूती को मुख्यमंत्री देंगे 25 करोड़ रुपये का उपहार

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार (3 मार्च) को गोरखपुर में माध्यमिक शिक्षा की मजबूती के लिए करीब 25 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उपहार देंगे। वह 26 माध्यमिक विद्यालयों में प्रोजेक्ट अलंकार के कार्यों तथा 141 माध्यमिक विद्यालयों में प्रीमियम स्मार्ट क्लास रूम का शिलान्यास करेंगे। शिलान्यास के ये कार्य राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में रविवार पूर्वाह्न प्रस्तावित स्मार्टफोन व टैबलेट वितरण समारोह के मंच से होंगे। इस समारोह में तीन हजार छात्र-छात्राओं को स्मार्टफोन तथा डेढ़ हजार को टैबलेट वितरित किया जाएगा। सीएम योगी कुछ विद्यार्थियों को अपने हाथों से स्मार्टफोन व टैबलेट प्रदान करेंगे।

सीएम योगी की मौजूदगी में अभी 28 जनवरी को गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में एक हजार युवाओं को स्मार्टफोन वितरित किया गया था। राज्य सरकार की इस योजना के अंतर्गत गोरखपुर में योजना के प्रारम्भ वर्ष 2021-22 से अब तक करीब अस्सी हजार छात्र/ छात्राओं को स्मार्टफोन वितरित किए जा चुके हैं।

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी, प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत 21 राजकीय विद्यालयों में 12 करोड़ 5 लाख 52 हजार रुपये तथा 5 अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों 5 करोड़ 29 लाख 20 हजार रुपये से (कुल 26 विद्यालयों में 17 करोड़ 34 लाख 72 हजार रुपये) होने वाले जीर्णोद्धार कार्यों व अवस्थापना सुविधाओं का शिलान्यास करेंगे। प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत प्राप्त होने वाले शासकीय अनुदान से इन विद्यालयों में अलग अलग स्वीकृति के अनुसार मल्टीपर्पज हाल, अतिरिक्त क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, टॉयलेट, पेयजल आदि से संबंधित कार्य कराए जाएंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों गोरखपुर के 141 माध्यमिक विद्यालयों में हाईटेक तरीके से पढ़ाई के लिए कुल 330 प्रीमियम स्मार्ट क्लास का शिलान्यास भी होगा। प्रति क्लास 2 लाख 29 हजार 510 रुपये की दर से इस पर कुल 7 करोड़ 57 लाख अड़तीस हजार 300 रुपये की लागत आएगी। गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के 22, गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र के 12, बांसगांव क्षेत्र के 14, कैम्पियरगंज क्षेत्र के 20, चौरीचौरा क्षेत्र के 14, चिल्लूपार क्षेत्र के 20, खजनी क्षेत्र के 16, पिपराइच के 10 तथा सहजनवा के 13 माध्यमिक विद्यालयों में कुल मिलाकर 330 स्मार्ट क्लास बनाए जाएंगे। प्रीमियम क्लास रूम में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए सभी विषयों के एनसीईआरटी अथवा स्टेट सेलेबस को प्रैक्टिकल उदाहरणों से ऑडियो-विजुअल तरीके से समझाया जाएगा। प्रीमियम क्लास रूम में पाठ्यक्रम को स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर या फ्लैट डिजिटल पैनल डिस्प्ले के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के अतरैला टोल प्लाजा पर एसटीएफ ने मारा छापा, 120 करोड़ रुपये के घोटाले का किया पर्दाफाश

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मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने NHAI के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर देशभर में फैले टोल वसूली के नेटवर्क से 120 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. लखनऊ एसटीएफ ने बीते मंगलवार को मिर्जापुर के लालगंज स्थित अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर टोल मैनेजर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 5 मोबाइल, दो लैपटॉप, प्रिंटर समेत 19 हजार रुपये भी किये बरामद किये हैं. एसटीएफ के इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि एनएचएआई के दर्जनों टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

इस तरह NHAI को लगा रहे थे चूना

टोल टैक्स में हो रहे इस घोटाले में बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों के ज़रिए हो रहा था। पूरे देश मे ऐसी गाड़ियों से टोल पर दोगना टोल लिया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों से दोगना पैसा तो लिया जाता था। फर्ज़ी रसीद भी दी जाती थी, लेकिन ये पैसा कर्मचारी आपस मे बांट लेते थे।

ये NHAI के खाते में नहीं जमा होता था। टोल का 50 फीसदी पैसा NHAI के खाते में जमा होता है। रोजाना इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए इस अकेले टोल से 40 से 50 हज़ार रुपये की कमाई होती है। इस टोल पर पिछले दो साल से इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर करीब 120 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।

42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने का दावा

एसटीएफ के मुताबिक इस घोटाले का मुख्य आरोपी आलोक कुमार सिंह ने MCA किया हुआ है। आलोक ने एसटीएफ को बताया कि देश के करीब 200 टोल पर इस तरह का घपला हो रहा है और उसने खुद 42 टोल प्लाजा पर ये सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया है। अब एसटीएफ बाकी टोल प्लाजा में लगे इस सॉफ्टवेयर को पकड़ने की कोशिश कर रही है। फिलहाल एसटीएफ ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि जिन 42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किए गए हैं वे किन जगहों पर हैं।

 

 

 

 

 

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