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नेशनल

CEC की नियुक्ति में CJI का न हो दखल, सरकार ने राज्यसभा में पेश किया विधेयक

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government introduced bill in Rajya Sabha

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नई दिल्ली। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की भूमिका खत्म किए जाने को लेकर आज सरकार ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया है। हालांकि, फिलहाल विधेयक के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी उपलब्ध नहीं है। वहीं, विधेयक पेश होने से पहले कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री के हाथों की कठपुतली बनाने का प्रयास कर रही है।

मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसका उद्देश्य मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से बचाना था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि इनकी नियुक्तियां प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की सदस्यता वाली एक समिति की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएंगी।

न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में कहा था कि यह मानदंड तब तक लागू रहेगा जब तक कि इस मुद्दे पर संसद द्वारा कानून नहीं बनाया जाता।

अगले साल निकलेगी रिक्ति

बता दें, चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे अगली साल 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसलिए अगले साल की शुरुआत में चुनाव आयोग में एक रिक्ति निकलेगी। उनकी सेवानिवृत्ति चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित 2024 लोकसभा चुनावों की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले होगी। पिछले दो मौकों पर आयोग ने मार्च में संसदीय चुनावों की घोषणा की थी।

कठपुतली बनाने का प्रयास

इससे पहले, कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के विनियमन के लिए सरकार द्वारा लाए जाने वाले विधेयक को ‘असंवैधानिक, मनमाना और अनुचित’ करार देते हुए कहा कि वह इसका हर मंच पर विरोध करेगी। कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने यह आरोप भी लगाया कि यह कदम निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों की कठपुतली बनाने का प्रयास है।

वेणुगोपाल ने कहा कि यह चुनाव आयोग को पूरी तरह से प्रधानमंत्री के हाथों की कठपुतली बनाने का खुला प्रयास है। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा फैसले का क्या, जिसमें एक निष्पक्ष आयोग की आवश्यकता की बात की गई है? प्रधानमंत्री को पक्षपाती चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है? उन्होंने कहा कि यह एक असंवैधानिक, मनमाना और अनुचित विधेयक है। हम हर मंच पर इसका विरोध करेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह के लिए भारत को मिला न्योता, विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे शिरकत

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नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथग्रहण समारोह के लिए भारत को न्योता भेजा है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय की ओर इसकी पुष्टि की गई है। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए ट्रम्प-वेन्स उद्घाटन समिति की ओर से कई देशों के गणमान्य नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है।

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। उनका शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य होने वाले हैं। इसके लिए दुनिया के कई देशों के नेताओं को न्योता मिला है। भारत को भी ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह का न्योता मिला। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।

विदेश मंत्रालय की ओर बताया गया है कि ट्रम्प-वेन्स उद्घाटन समिति के निमंत्रण पर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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