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उत्तर प्रदेश

MMMUT में प्रशासनिक भवन का सीएम योगी ने किया लोकार्पण, बोले-विकास में तकनीकी संस्थाओं का रोल अहम

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CM Yogi Adityanath inaugurated new administrative building of MMMUT in Gorakhpur

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश व प्रदेश के विकास में तकनीकी संस्थाओं का योगदान अहम हैं। समाज को इस तकनीक का लाभ देने के लिए तकनीकी संस्थाओं का आगे आना होगा। वे मंगलवार को मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में निर्मित आधुनिक प्रशासनिक भवन के लोकार्पण अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं। उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नए प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। इसके बाद वह गोरखनाथ मंदिर के लिए निकल गए।

बता दें कि सीएम योगी MMMUT में 11.86 करोड़ की लागत से तैयार हुए नए प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किए। कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय एक दिन पहले से पूरी तैयारियां करवा दी थी।

MMMUT के प्रशासनिक भवन की टॉप फ्लोर पर कुलपति कार्यालय और प्रति कुलपति कार्यालय बनाया गया है। उसी फ्लोर पर सामने दो सौ लोगों के बैठने के लिए हॉल तैयार किया गया है। प्रथम तल पर रजिस्ट्रार कार्यालय के साथ ही सभी संकायाध्यक्षों के कार्यालय होंगे। ग्राउंड फ्लोर पर दाहिने तरफ परीक्षा विभाग और बाएं तरह वित्त विभाग होगा। बेसमेंट में पार्किंग के अलावा लिफ्ट, बिजली और फायर का कंट्रोल रूम होगा।

अब पुराने प्रशासनिक भवन में फिलहाल फार्मेसी की पढ़ाई होगी। फार्मेसी के लिए नया भवन बन रहा है। नया भवन बन जाने के बाद वहां फार्मेसी विभाग को शिफ्ट किया जाएगा। उसके बाद विवि प्रशासन अपनी सुविधानुसार इस भवन में नए कोर्स शुरू कर सकता है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के अतरैला टोल प्लाजा पर एसटीएफ ने मारा छापा, 120 करोड़ रुपये के घोटाले का किया पर्दाफाश

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मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने NHAI के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर देशभर में फैले टोल वसूली के नेटवर्क से 120 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. लखनऊ एसटीएफ ने बीते मंगलवार को मिर्जापुर के लालगंज स्थित अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर टोल मैनेजर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 5 मोबाइल, दो लैपटॉप, प्रिंटर समेत 19 हजार रुपये भी किये बरामद किये हैं. एसटीएफ के इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि एनएचएआई के दर्जनों टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

इस तरह NHAI को लगा रहे थे चूना

टोल टैक्स में हो रहे इस घोटाले में बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों के ज़रिए हो रहा था। पूरे देश मे ऐसी गाड़ियों से टोल पर दोगना टोल लिया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों से दोगना पैसा तो लिया जाता था। फर्ज़ी रसीद भी दी जाती थी, लेकिन ये पैसा कर्मचारी आपस मे बांट लेते थे।

ये NHAI के खाते में नहीं जमा होता था। टोल का 50 फीसदी पैसा NHAI के खाते में जमा होता है। रोजाना इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए इस अकेले टोल से 40 से 50 हज़ार रुपये की कमाई होती है। इस टोल पर पिछले दो साल से इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर करीब 120 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।

42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने का दावा

एसटीएफ के मुताबिक इस घोटाले का मुख्य आरोपी आलोक कुमार सिंह ने MCA किया हुआ है। आलोक ने एसटीएफ को बताया कि देश के करीब 200 टोल पर इस तरह का घपला हो रहा है और उसने खुद 42 टोल प्लाजा पर ये सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया है। अब एसटीएफ बाकी टोल प्लाजा में लगे इस सॉफ्टवेयर को पकड़ने की कोशिश कर रही है। फिलहाल एसटीएफ ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि जिन 42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किए गए हैं वे किन जगहों पर हैं।

 

 

 

 

 

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