उत्तर प्रदेश
रास्ते में गड्ढे-गंदगी देख नाराज हुए CM योगी, सुपरवाइजर निलंबित; जोनल अधिकारी उठाने लगे कूड़ा
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम में मंगलवार को शामिल होने देवा रोड गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मटियारी चौराहे के पास जगह-जगह गड्ढे मिले तो सड़क किनारे जलभराव भी था। पूर्व जानकारी के बाद भी सफाई नहीं हुई थी और आसपास कूड़े के ढेर मिले। यह मामला उच्च स्तर पर गंभीरता से लिए जाने के बाद अधिकारी हरकत में आ गए।
नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के अलावा लोक निर्माण विभाग (प्रांतीय खंड) के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा भी मौके पर पहुंच गए। नगर आयुक्त ने लापरवाही करने पर नगर निगम जोन सात में तैनात अवर अभियंता अरुण मेहता और सफाई निरीक्षक देवेंद्र वर्मा खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की है तो सुपरवाइजर अवधेश को निलंबित कर दिया, जबकि देर रात जोनल अधिकारी मनोज यादव को हटाकर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। नगर आयुक्त ने बताया कि अभी कुछ अधिकारियों पर बुधवार को कार्रवाई होगी।
नगर आयुक्त ने बताया कि वीआइपी मूवमेंट की जानकारी पूर्व में दी जा चुकी थी, लेकिन अवर अभियंता, सफाई निरीक्षक और सुपरवाइजर ने लापरवाही की, जिसके लिए अवर अभियंता व सफाई निरीक्षक के विभागीय कार्यवाही की संस्तुति और सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है।
सड़कों पर गड्ढा होने पर लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सफाई दी है और कहा कि सड़क लोक निर्माण विभाग की है। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता मध्य जोन जीएम वर्मा का कहना है कि जिस सड़क से मुख्यमंत्री का काफिला निकला था, वह NHAI की है।
जोनल अधिकारी ही कूड़ा उठाने लगे
देवा रोड पर कूड़ा मिलने पर उच्च स्तरीय नाराजगी के बाद जोनल अधिकारी सात मनोज यादव खुद की कूड़ा उठाने लगे तो हर अधिकारी जलभराव को दूर करने में जुट गया। चंदन अस्पताल के सामने नाला चोक होने से लंबे समय तक पानी भरा रहता है। इसी तरह नगर निगम ने डूडा शहरी आजीविका मिशन को सफाई का काम दे रखा है, जिस पर कई बार सवाल उठ चुके हैं।
देवा रोड पर मिशन के पास 15 कर्मचारी हैं, लेकिन मिशन की तरफ से कोई कर्मचारी नहीं लगाया जाता है। सफाई निरीक्षक ने शहरी आजीविका मिशन के संचालक के खिलाफ रिपोर्ट भी थी और जुर्माना भी लगाया था, लेकिन अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की। उधर, मुख्यमंत्री समेत कई विशिष्ट अतिथियों को कार्यक्रम में जाना था, लेकिन नगर निगम ने तैयारियां नहीं की थीं।
उत्तर प्रदेश
जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को सशक्त करने में जुटी योगी सरकार
लखनऊ| जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को सशक्त करने में जुटी योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में त्वरित न्याय और सहायता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं की लंबित क्षतिपूर्ति को जल्द निस्तारित करने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय राज्य की ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना’ के तहत लिया गया, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। महिला कल्याण विभाग के तहत संचालित इस योजना का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।
प्रदेश में 9 जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए संचालित यह योजना प्रभावी तरीके काम कर रही है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि जघन्य अपराधों के कई मामलों में सहायता प्रक्रिया लंबित है। जिसमें 701 प्रकरण पुलिस नोडल अधिकारी स्तर पर लंबित हैं वहीं 7583 प्रकरण नोडल चिकित्साधिकारी स्तर पर और 8893 प्रकरण जिला संचालन समिति स्तर पर लंबित हैं। योगी सरकार द्वारा इन सभी 17177 लंबित प्रकरणों को इस महीने के अंत तक निस्तारित कर पीड़िताओं को राहत देने का निर्देश दिया गया है। निर्देश के बाद अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला संचालन समिति इन प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएगी।
पीड़ित महिलाओं पुनर्वास में वरदान साबित हो रही है योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण योजनाओं में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के माध्यम से जघन्य अपराधों की शिकार महिलाओं को 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि पीड़ित महिलाओं के इलाज, पुनर्वास, बच्चों की शिक्षा, और जीवन यापन में मदद करती है।
सीएम योगी ने इस योजना में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने योजना के लिए न सिर्फ बजट आवंटन बढ़ाया है, बल्कि आम नागरिकों को भी इस कोष में योगदान करने के लिए प्रेरित किया है। कोष में योगदान करने वालों को आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत कर में छूट दी जाती है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए आयाम स्थापित कर रही योगी सरकार
योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों, जैसे एसिड अटैक, बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामलों में आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार किया है। इसमें हिंसा की शिकार महिलाओं की तत्काल आर्थिक सहायता की जाती है, साथ ही उनके इलाज और पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। हिंसा की शिकार महिलाओं के बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण की व्यवस्था भी सरकार इस कोष के माध्यम से करती है साथ ही पीड़ित महिलाओं को समाज में दोबारा सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाता है।
प्रदेश सरकार महिला कल्याण के प्रयासों से हिंसा पीड़ित हजारों महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिली है, बल्कि वे सामाजिक और मानसिक तौर पर भी सशक्त हो रही हैं। एसिड अटैक पीड़िताओं और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को अब समाज में एक नई पहचान मिल रही है।
सीधे पीड़ित महिलाओं के खाते में पहुंचती है क्षतिपूर्ति राशि
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित प्रकरण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली संचालन समिति द्वारा अनुमोदित किए जाते हैं। इसके बाद धनराशि सीधे पीड़िता के खाते में भेजी जाती है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित है, ताकि पीड़िता को समय पर सहायता मिल सके। महिला सम्मान कोष का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। यह महिलाओं को मुख्यधारा में वापस लाकर समाज के सभी क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है।
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