उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने खराब मौसम से सर्वाधिक प्रभावित नौ जिलों को जारी किए 23 करोड़
लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले तीन दिनों में खराब मौसम से अन्नदाताओं की क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए 23 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। यह धनराशि अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित नौ जनपदों के लिए जारी की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत विभाग को तत्काल अन्नदाताओं के खातों में धनराशि भेजने के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कार्य लगभग पूरा हो गया है। सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है।
फसलों के नुकसान की सर्वे रिपोर्ट देखते ही सीएम योगी ने स्वीकृत की धनराशि
प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खराब मौसम से क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को खेतों में स्थलीय आकलन के लिए भेजा गया था। इस पर प्रदेश के नौ जिलों से अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों की रिपोर्ट विभाग को भेजी गयी थी। इस रिपोर्ट को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में उन्होंने नौ जिलों के लिए 23 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि जालौन के लिए सबसे ज्यादा पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। वहीं ललितपुर, महोबा, सहारनपुर के लिए 3-3 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह बांदा, बस्ती, झांसी और शामली के लिए दो-दो करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अलावा चित्रकूट के लिए 1 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इन जिलों के प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है।
खराब मौसम से नौ जिलों में सबसे ज्यादा फसलों को हुआ नुकसान
राहत आयुक्त ने बताया कि खराब मौसम की वजह से प्रदेश के नौ जिलों में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ था। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन जिलों को तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया है। बता दें कि बाढ़, आेलावृष्टि और बेमौसम बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित अन्नदाताओं को ही मुआवजा दिया जाता है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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