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नेशनल

कांग्रेस आरक्षण से चिढ़ती है: पीएम मोदी

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महाराष्ट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के चिमूर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले देश को पीछे करने का, देश को कमजोर करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. वहीं, पीएम ने कहा कि महायुति की सरकार किस स्पीड से काम करती है और ये अघाड़ी वालों की जमात कैसे कामों को रोकते हैं, चंद्रपुर के लोगों से बेहतर ये बात और कौन जानेगा.

कांग्रेस आरक्षण से चिढ़ती है: पीएम

पीएम ने कहा कि अगर आप एक नहीं रहे, आपकी एकजुटता टूटी, तो सबसे पहले कांग्रेस आपका आरक्षण छीन लेगी। कांग्रेस के शाही परिवार की हमेशा से मानसिकता रही है कि वो इस देश वे राज करने के लिए ही पैदा हुआ है। आजादी के बाद इसलिए ही कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को आगे नहीं बढ़ने दिया। कांग्रेस आरक्षण से चिढ़ती है।

किसानों को लेकर कही ये बात

पीएम ने कहा कि हमें महाराष्ट्र को समृद्ध बनाने के लिए हमारे किसानों को समृद्ध बनाना है। आज यहां किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा मिल रहा है। महायुति सरकार साथ में नमो शेतकरी योजना का डबल फायदा भी दे रही है। पीएम ने कहा कि भाजपा और महायुति सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र को लेकर काम कर रही है। मैं गरीब के जीवन की मुश्किलों को समझता हूं, इसलिए आपका जीवन आसान बनाने के लिए मैं दिनरात काम करता हूं।

पीएम मोदी ने किया अनुच्छेद 370 का जिक्र

प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा जम्मू-कश्मीर दशकों तक अलगाववाद और आतंकवाद में जलता रहा. महाराष्ट्र के कितने ही वीर जवान मातृभूमि की रक्षा करते करते जम्मू-कश्मीर की धरती पर शहीद हो गए. जिस कानून की आड़ में, जिस धारा की आड़ में ये सब हुआ, वो धारा थी 370. ये धारा 370 कांग्रेस की देन थी. हमने 370 को खत्म किया. कश्मीर को भारत और भारत के संविधान से पूरी तरह जोड़ा, लेकिन कांग्रेस और उसके साथी कश्मीर में फिर से 370 लागू करने के लिए प्रस्ताव पास कर रहे हैं. ये लोग वो काम कर रहे हैं जो पाकिस्तान चाहता है.

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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