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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी किया अपना गारंटी पत्र

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नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव के तहत में पांच अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है। इसी बीच कांग्रेस ने अपना गारंटी पत्र जारी कर दिया है। गारंटी पत्र को जारी करते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पार्टी की सात गारंटियां गिनाई है।

हरियाणा के लिए कांग्रेस की गांरटी

1. 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 25 लाख रुपए तक मुफ्त चिकित्सा उपचार दिया जाएगा.

2. महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए दिए जाएंगे. 500 रुपए में सिलेंडर प्रदान किया जाएगा.

3. 2 लाख रिक्त पदों पर भर्ती की जाएंगी. नशा मुक्त हरियाणा पहल की जाएगी.

4. वृद्धावस्था, दिव्यांगता और विधवा पेंशन 6000 रुपए होगी.पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली होगी.

5. जाति जनगणना कराई जाएगी. क्रीमीलेयर की सीमा 10 लाख रुपए तक बढ़ाई जाएगी.

6. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाएगी. तत्काल फसल मुआवजा मिलेगा.

7. गरीबों के लिए आवास लाएंगे. 100 गज का प्लॉट दिया जाएगा. 3.5 लाख रुपये की लागत वाला 2 कमरों का घर दिया जाएगा

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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