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संसद के विशेष सत्र से पहले कांग्रेस की मांग, कहा- महिला आरक्षण बिल पास करे सरकार

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Congress Working Committee meeting in telangana

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तेलंगाना। आगामी लोकसभा और राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी चुनावी मंथन में जुटी। कांग्रेस की नवगठित कार्यसमिति (Congress Working Committee meeting) की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई ।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का लगा जमावड़ा

यह बैठक तेलंगाना के हैदराबाद में आयोजित की गई। इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरेग, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता में शामिल हुए। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत कई नेता इस मीटिंग में शामिल हुए।

चुनाव को लेकर हुई चर्चा

इस बैठक को लेकर कांग्रेस नेता कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि CWC एक ड्राफ्ट प्रस्ताव पर विचार-विमर्श कर रही है। हम देश की स्थिति बातचीत कर रहे हैं। देश के सामने आने वाले आर्थिक संकट और आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरों में विभाजित किया जा सकता है जो देश के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। इस बैठक में सभी पांच राज्यों में होने वाले चुनावों हो रही है।

इन राज्यों में हैं चुनाव

इस साल के अंतिम महीन में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बता दें कि 18 सितंबर से मोदी सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र भी बुलाया गया है। बता दें कि संसद का विशेष सत्र बुलाने पर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े कर रही है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, “यह पहली बार है कि इस देश में कोई कानून नहीं है। बिना किसी एजेंडे के संसद बुलाई गई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।”

महिला आरक्षण को किया जाए पास: कांग्रेस

कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा,”साल 1989 में राजीव गांधी जी ने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित किया था। फिर मनमोहन सिंह जी की सरकार में ये बिल आया, जो आज तक जीवित है।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि CWC बैठक में पारित प्रस्ताव में मांग की गई है कि आगामी विशेष सत्र में महिला आरक्षण के उस बिल को पास किया जाए। इस विषय में पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। साल 1989 में राजीव गांधी जी ने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित किया था। फिर मनमोहन सिंह जी की सरकार में ये बिल आया, जो आज तक जीवित है।

बैठक को लेकर पवन खेड़ा ने दी जानकारी

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस बैठक को लेकर जानकारी साझा करते हुए कहा,”राहुल गांधी ने वैचारिक स्पष्टता की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। मुझे लगता है कि हम सभी सीडब्ल्यूसी बैठक के उस हॉल से गहरी सोच और स्पष्ट स्पष्टता के साथ बाहर निकले हैं।

केंद्र में जनता को एक संवेदनशील मिले: कांग्रेस

बता दे कि शनिवार को I.N.D.I.A. के रूप में सामने आई विपक्षी एकता की पहल का स्वागत करते हुए कार्यसमिति ने कहा” प्रधानमंत्री और भाजपा इससे काफी बौखलाए हुए हैं। आइएनडीआइए की पहल को वैचारिक और चुनावी रूप से सफल बनाने के लिए कांग्रेस अपने संकल्प को दोहराती है ताकि हमारा देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो।

सामाजिक समानता और न्याय मे विश्वास रखने वाली ताकतों को मजबूती मिले और केंद्र में जनता को एक संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सरकार मिले।” इस कार्यसमिति बैठक में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की दूसर चरण की शुरुआत पर भी जोर दी गई।

नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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