प्रादेशिक
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर योगी सरकार सतर्क, 75 जिलों में अलर्ट जारी
लखनऊ। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद देश में अलर्ट जारी किया गया है। सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार पीएम की अहम बैठक के बाद अलर्ट मोड पर काम कर रही है। प्रदेश में इस नए वैरिएंट को लेकर सभी जिलों में विदेश से आने वालों की पड़ताल का निर्देश भी दिए गए हैं। कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक बताए जाने वाले इस नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर योगी सरकार सतर्क है। उत्तर प्रदेश सरकार के अलर्ट जारी करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एयरपोर्ट पर सख्ती बढ़ा दी गई है। जिसके चलते यात्रियों की एयरपोर्ट पर निःशुल्क आरटीपीसीआर की जांच की जाएगी।
स्टेट सर्विलांस ऑफिसर विकास इंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 75 जिलों के डीएसओ, सीएमओ, डीआईओ और एक्स्पर्ट संग एक अहम बैठक की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से इस बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने डेली मॉनीटरिंग को बढ़ाने के आदेश दिए हैं। विदेश से लौटे यात्रियों में 14 दिन के भीतर लक्षण दिखने पर उनकी जांच की जाएगी। इसके साथ ही पहले से सक्रिय सर्विलांस टीमें और भी तेजी से काम करेंगी। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद इस नए वैरिएंट का सामना करने के लिए यूपी पूरी तौर पर तैयार है। इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
एयरपोर्ट पर जांच, बढ़ेगा स्क्रीनिंग का दायरा
24 करोड़ वाली आबादी वाले प्रदेश में नए वैरिएंट को लेकर हर एक चरण पर प्रदेश सरकार सर्तकता बरत रही है। एयरपोर्ट पर अब जांच और स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया जाएगा। विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच और स्क्रीनिंग अब और तेजी से किए जाने के निर्देश प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं। इसके साथ ही अब विदेश से लौटे यात्री 15 दिन स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में रहेंगे।
यूपी के पांच जिलों पर है अधिकारियों की पैनी नजर
नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के चलते प्रदेश सरकार ने आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ व कानपुर में बड़ी संख्या में आने वाले विदेशियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी लगातार इसको लेकर जिलों से सम्पर्क में हैं। जिलों से कोविड की स्थिति के साथ वहां पर टीका की पहली व दूसरी डोज का लाभ लेने वालों की सूची मांगी गई है। पहले व मौजूदा हालात और उसके आगे की योजनाओं के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों से प्लान भी मांगा गया है।
नए वैरिएंट का सामना करने के लिए यूपी है तैयार
केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व एराज मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देकर प्रदेश को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाया है। सरकार ने कम समय में प्रदेश में नए ऑक्सीजन प्लांट, नए मेडिकल कॉलेज, बेड की संख्या में विस्तार, डॉक्टरों की भर्ती, सीएचसी पीएचसी का विस्तार करते हुए यूपी को सवास्थ्य सुविधाओं से लैस किया है जिससे आने वाले समय में भी यूपी ऐसी चुनौतियों का सामना डटकर कर सकता है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर का सफलतापूर्वक सामना करने वाला यूपी नए वैरिएंट का सामना करने के लिए भी तैयार है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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