अन्तर्राष्ट्रीय
पड़ोसी देश नेपाल में राजतंत्र वापसी की मांग तेज, सरकार ने सेना को अलर्ट पर रखा
काठमांडू। पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर से राजतंत्र की वापसी की मांग तेज होती जा रही है। राजधानी काठमांडू में कल गुरुवार को राजतंत्र समर्थकों ने प्रदर्शन किया तो हिंसा भड़क उठी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई।
पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस बीच बवाल को बढ़ता देख नेपाल की सेना को अलर्ट पर रखा गया है। राजतंत्र के समर्थन में हो रहे इस प्रदर्शन का नेतृत्व दुर्गा परसाई कर रहे हैं जो एक उद्यमी हैं और खुद पूर्व में माओवादी रह चुके हैं।
नेपाल के गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेना को अलर्ट पर रखा गया है लेकिन इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ी है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान दुर्गा परसाई अपने प्रदर्शन के मूल स्थान से बाजार की ओर चले गए जहां वह राजतंत्र को बहाल करने के समर्थन में नारे लगाने लगे।
साथ ही उन्होंने ‘महंगे संघीय सिस्टम’ को खत्म करने की भी मांग की। इस दौरान उनकी केपी ओली की पार्टी यूएमएल के यूथ विंग युबसंघ के सदस्यों से भी बड़ी झड़प हो गई। युबसंघ के सदस्यों ने परसाई ग्रुप को प्रदर्शन के लिए दिए गए इलाके में जबरन घुसने की कोशिश की तो काठमांडू पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
नेपाल पुलिस ने परसाई समर्थकों पर निगरानी के लिए प्रदर्शनस्थल के पास बैरियर लगा दिए और सड़कों पर वाटर कैनन तैनात कर दिया। इसके अलावा CCTV भी लगाया गया ताकि परसाई समर्थकों पर हमेशा कड़ी नजर रखी जा सके।
ओली समर्थकों ने राजतंत्र समर्थकों को दी चेतावनी
वहीं युबसंघ के सदस्यों ने तिनकुने में अलग से एक रैली की जहां उन्हें प्रदर्शन के लिए जगह दी गई थी। ओली के करीबी महेश बासनेट ने चेतावनी दी कि वे परसाई के समर्थकों को अराजक स्थिति नहीं पैदा करने देंगे।
बाद में परसाई ने कहा कि उनका आंदोलन वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ लोगों का जनविद्रोह है। परसाई ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से कहा कि वह ‘लोगों के सामने सरेंडर कर दें और नेपाली जनता की इच्छा के मुताबिक राजनीतिक व्यवस्था को लागू करवाएं।
उन्होंने कहा कि हम नेताओं के लूट का विरोध करते हैं। बैंक, निगम और वित्तीय संस्थान लोगों का शोषण कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि लोगों के 20 लाख रुपये से कम के लोन को माफ किया जाए।
अन्तर्राष्ट्रीय
लेबनान में हिजबुल्लाह के टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या
हिजबुल्लाह के एक टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या कर दी गई है। हमादी की हत्या लेबनान के पश्चिमी बेका क्षेत्र में की गई है। दो वाहनों पर आए बंदूकधारियों ने शेख मोहम्मद हमादी पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने घर के बाहर खड़ा था। इस हमले में हमादी को कई गोलियां लगी थीं।
स्थानीय प्रशासन कर रहा है जांच
घायल हालत में हमादी को तुरंत ही पास के शहर सोहमोर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अज्ञात हमलावर गोलीबारी के बाद फरार हो गए, स्थानीय प्रशासन घटना की जांच कर रहा है। अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कुछ रिपोर्ट्स में इस हत्या के पीछे इजरायल का हाथ बताया जा रहा है तो कोई इसे पारिवारिक झगड़े से जोड़कर देख रहा है।
एफबीआई को थी हमादी की तलाश
शेख हमादी की हत्या के बाद लेबनानी सेना इलाके की घेराबंदी कर दी है। हमलावरों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमादी की हत्या ऐसे समय हुई है जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम चल रहा है। एफबीआई को भी हमादी की तलाश थी। वह 1985 में वेस्ट जर्मन प्लेन को हाइजैक करने के मामले में वॉन्टेड था।
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