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खेल-कूद

डायमंड लीग: नीरज चोपड़ा ने फिर दिखाया जादू, 87.66 मीटर दूर भाला फेंक जीता गोल्ड

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Neeraj Chopra

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नई दिल्ली। मांसपेशियों के खिचाव से उबरने के बाद भारतीय स्टार जेवेलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा एक बार फिर हाथ में भाला उठाकर कीर्तिमान रच दिया। उन्होंने प्रतिष्ठित डायमंड लीग श्रृंखला के लुसान चरण में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता का खिताब जीत लिया है। नीरज ने 87.66 मीटर थ्रो के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।

वहीं, जर्मनी के जूलियन वीबर 87.03 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे स्थान पर 86.13 मीटर थ्रो के साथ चेक गणराज्य के याकूब वादलेज्चे रहे। बता दें कि भारतीय जेवलिन स्टार नीरज का इस साल में यह दूसरा गोल्ड है। वे दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे।

फाउल के साथ की शुरुआत

नीरज चोपड़ा ने पहले राउंड में फाउल के साथ शुरुआत की। वहीं, जर्मनी के जूलियन वेबर ने 86.20 मीटर थ्रो के साथ बढ़त बनाई। पहले दौर के अंत में, नीरज शीर्ष तीन एथलीटों में भी नहीं थे।

इसके बाद दूसरे प्रयास में, नीरज ने 83.52 मीटर का थ्रो किया। हालाँकि, दूसरे राउंड के अंत में जूलियन अभी भी बढ़त में रहे। बावजूद इसके नीरज की रैंकिंग में सुधार हुआ और वह तीसरे नंबर पर पहुंच गए। तीसरे प्रयास में नीरज ने 85.02 मीटर का स्कोर किया।

इस थ्रो के साथ वह दूसरे नंबर पर पहुंच गये। हालांकि जूलियन ने तब भी 86.20 मीटर थ्रो के साथ बढ़त बना रखी थी। ऐसे में चौथे प्रयास में नीरज फाउल कर बैठे। पांचवें प्रयास में नीरज की ‘गोल्डन आर्म’ ने अपना जादू चलाया और 87.66 मीटर का थ्रो हासिल किया। इसके साथ ही वह पहले स्थान पर पहुंच गये।  छठे और अंतिम प्रयास में, नीरज ने 84.15 मीटर का थ्रो हासिल किया।

साल का दूसरा गोल्ड

बता दें कि भारतीय जेवलिन स्टार नीरज का इस साल में यह दूसरा गोल्ड है। वे दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे। वहीं, नीरज का यह 8वां इंटरनेशनल गोल्ड है। इससे पहले उन्होंने एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स, ओलिंपिक गेम्स और डायमंड लीग जैसे टूर्नामेंट में सोना जीता था।

एक माह बाद उतरे नीरज

25 वर्षीय नीरज ने पांच मई को दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण जीता था। उसके बाद उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया, जिसके चलते उन्हें चार जून को हुए फैनी ब्लैंकर्स कोएन गेम्स और 13 जून को हुए पावो नूरमी गेम्स से नाम वापस लेना पड़ा।

29 मई को उन्होंने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। अब पूरे एक माह बाद वह फिर कंपटीशन में उतरे थे।  हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी डायमंड लीग में खेलने का मौका नहीं खोया। लीग के रबत, रोम, पेरिस और ओस्लो चरण में जेवेलिन थ्रो शामिल नहीं है।

लीग में शीर्ष पर चल रहे हैं नीरज

नीरज को लुसान में कड़ी टक्कर मिली। उनके सामने टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता चेक रिपब्लिक के याकूब वादलेज्चे (सर्वश्रेष्ठ 90.88, सत्र का श्रेष्ठ 89.51 मीटर), विश्व चैंपियन ग्रेनाडा के एंडर्सन पीटर्स (सर्वश्रेष्ठ 93.07, सत्र का श्रेष्ठ 85.88 मीटर), फिनलैंड के ओलिवर हालेंडर (सर्वश्रेष्ठ 89.83, सत्र का श्रेष्ठ 87.32 मीटर),

लंदन ओलंपिक विजेता त्रिनिदाद और टोबेगो के केशर्न वॉल्काट (सर्वश्रेष्ठ 90.16, सत्र का श्रेष्ठ 85.85 मीटर) यूरोपियन चैंपियन जर्मनी के जूलियन वीबर (सर्वश्रेष्ठ 89.54, सत्र का श्रेष्ठ 88.37 मीटर) थे।

बीते वर्ष डायमंड लीग विजेता बनने वाले नीरज अपने खिताब की रक्षा के लिए आठ अंकों के साथ लीग में शीर्ष पर चल रहे हैं, वादलेज्चे के सात और पीटर्स के छह अंक हैं। लुसान के बाद मोनाको (21 जुलाई) और ज्यूरिख (31 अगस्त) में लीग होनी हैं, जहां जेवेलिन थ्रो शामिल है। लीग का फाइनल यूजीन (अमेरिका) में 16, 17 सितंबर को होगा।

नीरज वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई कर चुके

नीरज हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भी हिस्सा लेंगे। यह चैंपियनशिप 19 से 27 अगस्त तक होगी। नीरज ने 2022 यूजीन में हुए पिछले सीजन में रजत पदक जीता था।

भारतीय टीम इस चैंपियनशिप के इतिहास में केवल दो पदक जीत सकी है, उनमें से एक नीरज के नाम है। नीरज से पहले 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने महिलाओं के लॉन्ग जम्प प्रतियोगित में भारत के लिए पहला मेडल जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने कांस्य पदक जीता था।

मुरली श्रीशंकर पदक नहीं जीत सके

नीरज के अलावा एक अन्य भारतीय लॉन्ग जंपर मुरली श्रीशंकर ने भी डायमंड लीग में हिस्सा लिया। उन्होंने शुरुआती 5 कोशिशों में 7.75, 7.63, 7.88 और 7.59 और 7.66 मीटर की छलांग लगाई। हालांकि, वह कोई पदक नहीं जीत सके। मुरली पांचवें स्थान पर रहे।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की तबियत खराब, हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया

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मुंबई। भारतीय टीम के क्रिकेटर विनोद कांबली का अभी सचिन तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह सचिन को अपने बैठने के लिए कहते हैं। दोनों पुराने दोस्त कोच रमाकांत आचरेकर के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मिले थे। इस कार्यक्रम में भी कांबली की हालत खराब लग रही थी। कांबली का जब तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप 1983 का खिताब जीतने वाले सदस्य उनकी मदद के लिए सामने आए। कपिल देव आर्थिक तौर उनकी मदद के लिए तैयार थे। अब फैंस के लिए दिल तोड़ने वाली खबर आई है। कांबली की तबियत अचानक खराब हो गई है और उन्हें ठाणे के प्रगति हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। फिलहाल डॉक्टर्स की टीम उनकी देखभाल कर रही है और सभी जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं।

करियर की शुरुआत में भारत के किया दमदार प्रदर्शन

विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए साल 1991 में वनडे में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट में साल 1993 में टेस्ट में डेब्यू किया। शुरुआत में तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए दमदार प्रदर्शन किया था। वह भारत के लिए सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने 14 पारियों में ऐसा किया था। लेकिन बाद में वह प्रदर्शन को छोड़कर निजी जीवन के लिए फेमस रहे।

ऐसा रहा है विनोद कांबली का करियर

विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए 17 टेस्ट मैचों में कुल 1084 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने टीम इंडिया के लिए कुल 104 वनडे मैचों में कुल 2477 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। 2000 के दशक में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा और इसी वजह से वह टीम इंडिया से बाहर हो गए। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी वनडे मैच साल 2000 में श्रीलंका के खिलाफ खेला।

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