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उत्तराखंड

मुस्लिम धर्म गुरुओं पर भड़कीं डीएम वंदना, कहा- फोन बंद न करते तो नहीं होती हल्द्वानी हिंसा

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DM Vandana got angry at Muslim religious gurus

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नैनीताल। उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है। बनफूलपुरा इलाके में अभी भी कर्फ्यू जारी है। इस दौरान जिला प्रशासन ने अमन चैन कमेटी के तहत मुस्लिम धर्म गुरुओं की हल्द्वानी नगर निगम में एक बैठक बुलाई। बैठक में हल्द्वानी हिंसा के बाद के हालातों पर चर्चा की गई।

इस दौरान मुस्लिम धर्म गुरु ने जिला प्रशासन पर बिना मुस्लिम धर्म गुरुओं के सामंजस्य के जिला प्रशासन अतिक्रमण तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को मामले को लेकर पहले ही मुस्लिम धर्म गुरुओं से बात करनी चाहिए थी। इस दौरान डीएम वंदना ने मुस्लिम धर्म गुरुओं को नसीहत दी।

डीएम वंदना ने कहा सरकारी भूमि पर मस्जिद और मदरसा बनाया गया था जो पूरी तरह से गलत था। सरकार उस भूमि को खाली करना चाहती हैं। एक तारीख को नोटिस जारी कर मदरसा और नमाज स्थल को खाली करने के निर्देश भी दिए गए।

इसको लेकर धर्म गुरुओं के साथ बैठक भी हो चुकी है। सभी धर्म गुरुओं को इसे लेकर जानकारी थी। उन्होंने कहा मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से जो आरोप लगाये जा रहे हैं वो पूरी तरह से गलत हैं।

इस दौरान डीएम ने कहा जिस समय बनभूलपुरा में उपद्रव शुरू हुआ उस समय मुस्लिम धर्मगुरु से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन तब सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपने-अपने मोबाइल बंद कर दिये थे। अगर मुस्लिम धर्मगुरु उस समय पुलिस प्रशासन का सहयोग करते तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। हालांकि मुस्लिम धर्म गुरुओं ने डीएम के आरोपों को खारिज किया है।

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उत्तराखंड

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी

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देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।

UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।

उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?

यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।

किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।

हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।

सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।

उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।

एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।

जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।

लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।

 

 

 

 

 

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