प्रादेशिक
क्षेत्र में विकास के कई काम कराकर डॉ नीरज बोरा ने जीता जनता का विश्वास, सरकार के भी बने चहेते
लखनऊ। विरासत में मिले समाज सेवा के संस्कारों ने डॉ नीरज बोरा को बेहद लोकप्रिय बनाया है। क्षेत्र में विकास के कई काम कराकर उन्होंने जनता का दिल तो जीता ही, साथ ही साथ सरकार की नजरों में भी अपना कद ऊंचा करते गए। कोरोनाकाल में जब लोग घरों में बैठे हुए थे, उस दौरान भी डॉ नीरज बोरा क्षेत्र की जनता की सेवा में लगातार तत्पर रहे। सैनिटाइजिंग से लेकर ऑक्सीजन संयंत्र लगवाने जैसे तमाम काम नीरज बोरा ने किए। समय और स्थितियां कुछ भी हो वो जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। यही कारण है कि बीजेपी ने एक बार फिर उनपर भरोसा जताते हुए लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
डॉ नीरज बोरा ने कहा कि देश-प्रदेश की डबल इंजन भाजपा सरकार राष्ट्रीय स्वाभिमान और उसके गौरव प्रतीकों की रक्षा के साथ-साथ ऐसे भारत का निर्माण कर रही है, जहां हम सभी सुखी, निरोग रहते हुए भावी पीढ़ी को सुरक्षित परिवेश दे सकेंगे। विकास के इस प्रवाह को अविरल रखने के लिए भाजपा की सरकार का बनना जरुरी है। देश विरोधियों का कालर पकड़ने, गुण्डों-मुस्टण्डों से लड़ने, अवैध जमीन कब्जा करने वालों लडोजर चलवाने, दंगाइयों से बर्बाद सम्पत्ति पुनः वसूले जाने तथा भारतीय स्वाभिमान को बचाये रखने के लिए उन्होंने लोगों से एक बार फिर भाजपा को जितवाने की अपील की है।
बता दें कि डॉ नीरज बोरा ने एमबीबीएस करने के बाद मरीजों की सेवा करनी शुरु की और वर्ष 1993 में सीतापुर रोड पर सेवा अस्पताल स्थापित किया। इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष, लायन्स क्लब इण्टरनेशनल के गवर्नर रह चुके डॉ नीरज बोरा सर्वसुलभ, अतिशय विनम्र व व्यवहारकुशल हैं। वे विभिन्न संस्थाओं को माध्यम बनाकर पिछले ढाई दशक से समाज की अहर्निश सेवा कर रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें जनता बेहद पसन्द करती है। स्वच्छ छवि, स्थानीय मुद्दों पर निरन्तर संघर्ष, समस्याओं के निदान के प्रति समर्पण, आम जनता के बीच पहचान आदि ऐसे बिन्दु हैं जिसका लाभ डा. नीरज बोरा को वर्ष 2017 में मिला और वे लखनऊ उत्तर क्षेत्र से विधायक चुने गये।
पच्चीस हजार से अधिक निःशुल्क मोतियाबिन्द आपरेशन करवाकर गरीबों के आंख की रोशनी वापस दिलाने वाले डा० नीरज बोरा समाज सेवा के रास्ते जनता के बीच पहुंचे। स्वयं रक्तदान करने तथा हजारों लोगों को रक्तदान के प्रति प्रेरित करने वाले डा. बोरा ने हजारों विकलांगो को कृत्रिम अंग लगवाने, बैसाखी, व्हील चेयर और ट्राइसाइकिल देने का कार्य भी किया। सामाजिक कार्यों से बनी पहचान ने उनकी राजनीतिक राह को सुगम बनाया।
विधायक निर्वाचित होने के बाद डा. बोरा निरन्तर जनता के बीच रहे हैं। जनहित के मुद्दों को सदन में प्रभावी ढंग से उठाया है। राजधानी में पीने के पानी की आगामी पचास वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विधान सभा में नये वाटर वर्क्स की स्थापना का प्रस्ताव भी पेश किया। लखनऊ का उत्तरी क्षेत्र अर्द्धशहरी है जहां अनियोजित कालोनियों में विकास कार्य बड़ी चुनौती है। बावजूद इसके क्षेत्र में सड़क, नाली, स्वास्थ्य, बिजली, पानी व मूलभूत सुविधाओं सम्बंधी अनेक कार्य हुए हैं। कई कार्य पाइपलाइन में हैं जिन्हें पूरा कराने के संकल्प के साथ डा. नीरज बोरा पुनः जनता के बीच भाजपा प्रत्याशी हैं।
डा० नीरज बोरा के पिता श्री डी०पी० बोरा लखनऊ पश्चिम विधान सभा (नये परिसीमन में लखनऊ पश्चिम का अधिकांश भाग लखनऊ उत्तर) से दो बार विधायक रहे हैं। उत्तर प्रदेश की छात्र राजनीति से निकले डी०पी०बोरा की पहचान संघर्षशील, दलितों के मसीहा, श्रमिकों व राज्य कर्मचारियों के सवालों को लेकर लड़ने वाले निर्भीक नेता के रूप में रही है। उन्होंने गरीबों, दलितों, पिछड़ों सहित आम आवाम की आवाज सड़क से विधान सभा तक उठायी। उन्होनें लखनऊ में लगभग 17 दलित बस्तियां बसायीं और लम्बा संघर्ष कर उन इलाकों में बिजली, पानी, सड़क व सीवर की सुविधा भी दिलायी। मुख्यतः नेहरूनगर, इन्दिरानगरी, अशफाकउल्लाहनगर, लाल कालोनी, अम्बेडकरनगर, अकबरनगर निषादनगर आदि वह बस्तियां हैं जहाँ अब दलित परिवार पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। गोमती नदी की नीलामी पर रोक की लड़ाई लड़कर बोरा जी ने गरीब मछुवारों को निःशुल्क मछली पकड़ने का अवसर दिलाया, जो अब तक जारी है।
डॉ नीरज बोरा के विधायक रहते हुए लखनऊ उत्तर क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए हैं जो मील का पत्थर साबित हो हुए हैं।
लखनऊ उत्तर में मेट्रो रेल, पेयजल हेतु अगले 50 वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए रखते हुए नवीन वाटर वर्क्स की स्थापना सहित अनेक विषय विधान सभा में प्रक्रियाधीन।
आई.आई.एम. रोड हरदोई बाईपास से इकाना स्टेडियम तक ग्रीन कॉरिडोर मार्ग स्वीकृत
टेढ़ी पुलिया ओवरब्रिज का निर्माण
चौक से हैदरगंज ओवरब्रिज का निर्माण
राधा ग्राम से आईआईएम रोड बाईपास तक अधूरे तटबंध का निर्माण
35 करोड़ की लागत से नवीन गल्ला मंडी का कायाकल्प
चौक स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में बहुद्देश्यीय हाल का निर्माण। मनकामेश्वर क्षेत्र में आवागमन की सुगमता हेतु रैंप का निर्माण। चौक क्षेत्र में मल्टीलेवल अंडरग्राउंड पार्किंग की स्थापना।
गुलाला घाट का उच्चीकरण एवं सौंदर्यीकरण, बिजली शवदाह गृह का निर्माण, पीपे वाले पुल के स्थान पर नये पुल व सम्पर्क मार्ग की परियोजना प्रक्रियाधीन।
स्मृति को नमन :
जानकीपुरम के जानकीविहार कालोनी पार्क में पं. रामप्रसाद बिस्मिल, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र वार्ड में मंगल पाण्डेय, उदय माण्टेसरी स्कूल के सामने लाला लाजपत राय, निराला नगर पार्क में लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमाओं की स्थापना। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर भव्य स्वागत द्वार
क्षेत्र के कतिपय वार्डों का नामकरण महापुरूषों के नाम पर
क्षेत्र के विभिन्न मार्ग और चौराहों का नामकरण विशिष्ट विभूतियों की स्मृति में
विकास की सुगम राह:
लगभग एक हजार से अधिक गलियों में नई सड़कों, नालियों का निर्माण
मलिन बस्तियों का उच्चीकरण, तकरीबन 800 से अधिक सड़कों नालियों की व्यवस्था
राधा ग्राम बैरल नंबर-2 की पुलिया का निर्माण
डालीगंज में अयोध्या (फैजाबाद) रोड पर पुलिया का निर्माण।
अंधेरे को चीरती रोशनी:
त्रिवेणी नगर, जानकीपुरम, अलीगंज, फैजुल्लागंज सहित क्षेत्र में कई स्थानों पर नए ट्रांसफार्मर
कपूरथला आईटीआई कैंपस, जानकीपुरम में आकांक्षा परिसर के निकट पावर हाउस की स्थापना
फैजुल्लागंज दाऊदनगर के निकट पावर हाउस स्थापना कार्य प्रगति पर
क्षेत्र में अनेक स्थानों पर बांस बल्ली की जगह बिजली के नए पोल
भारी मात्रा में हाई मास्ट सौर ऊर्जा संयंत्र और सोलर लाइट की स्थापना
सुलभ शिक्षा से फैलती ज्ञान की रोशनी:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज में नवीन पीजी ब्लॉक की स्थापना
प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार हेतु विभिन्न स्कूलों में बाउंड्रीवाल, फर्नीचर, रंगाई-पुताई, वृक्षारोपण आदि कार्य
व्यवसायिक शिक्षा हेतु नए आईटीआई की स्थापना का मार्ग प्रशस्त । कौशल विकास एवं अन्य केंद्रों के माध्यम से रोजगारपरक प्रशिक्षण
बुझती प्यास:
लगभग 20 करोड़ की अभिषेकपुरम-जानकीपुरम पेयजल योजना। सैकड़ों मोहल्लों में हैंडपंप व समरसिबल पंप
अनेक स्थानों पर ट्यूबवेल व मिनी ट्यूबवेल की स्थापना
फैजुल्लागंज की लगभग दो लाख आबादी हेतु पेयजल योजना प्रक्रिया में
गऊघाट दौलतगंज में एस.टी.पी. शासन द्वारा स्वीकृत। घैला में नया एसटीपी प्रस्तावित। नवीन वाटर वर्क्स की स्थापना का प्रस्ताव
सर्वे सन्तु निरामया:
इलाज कराने में असमर्थ लोगों को मुख्यमंत्री कोष से करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता
फैजुल्लागंज क्षेत्र में 100 बेड का नया अस्पताल स्वीकृत
जानकीपुरम, फैजुल्लागंज क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
जानकीपुरम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कक्ष का निर्माण, आकस्मिक चिकित्सा हेतु भवन व बेड आदि का प्रबन्ध। अलीगंज के बाल एवं महिला चिकित्सालय में 50 लाख की राशि से अतिरिक्त
बेड, चिकित्सा उपकरण, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र । ठाकुरगंज अस्पताल में आक्सीजन प्लान्ट एवं गहन चिकित्सा कक्ष की स्थापना एवं स्वास्थ्य सुविधायें पहले से बेहतर। डेंगू आदि संक्रामक बीमारियों पर पहले की अपेक्षा बेहतर नियंत्रण
आयुष्मान योजनान्तर्गत 32000 से अधिक को बीमा सुरक्षा
कोरोना पर विजय:
कोरोना काल में सैनिटाइजेशन हेतु 50 लाख की धनराशि से 09
टैंकर, सैनिटाइजेशन किट की व्यवस्था
कोरोना काल में नियमित मॉनिटरिंग, दवा व खाद्यान्न का वितरण
कार्यकर्ताओं के माध्यम से हैण्ड मशीन द्वारा गली-गली सैनिटाइजेशन
उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर: चाइनीज मांझे से सिपाही की गर्दन कटी, बीच रोड पर तड़प-तड़पकर हुई मौत, खून से लाल हो गई सड़क
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां ड्यूटी पर जा रहे सिपाही की गर्दन पतंग के चाइनीज मांझे से कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक सिपाही का नाम शाहरुख हसन है।
शाहरुख़ अपनी बाइक से विभागीय काम से जा रहे थे। इसी दौरान उनके गले में मांझा फंस गया और वह नीचे गिर गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सिपाही को मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात थे और वह विभागीय काम से अजीजगंज स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान गर्रा नदी पुल पर उनके गले में चाईनीज मांझे की डोर अटक गई। शाहरुख ने मांझे को बहुत हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हटने की जगह और ज्यादा गले में धंसता चला गया।
वहां मौजूद एक चश्मदीद राकेश का कहना है कि वह दुकान पर बाहर की तरफ खड़ा था. तभी गर्रा पुल से ढलान की ओर रोड क्रॉस करते हुए सिपाही आ रहे थे तभी उसकी गर्दन मांझे में फंस गई जबकि मांजा एक बच्चा दूसरी साइड से खींच रहा था, जिससे उनकी गर्दन और कटतीं चली गई।
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी राजेश एस सहित नगर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा है कि विशेष अभियान चलाकर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह से पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी खरीद बिक्री करें।
गौरतलब है कि चाइनीज मांझे पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जो अब जानलेवा साबित हो रहा है प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
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