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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयास से समाज की मुख्य धारा में आकर प्रदेश की प्रगति में योगदान दे रही ट्रांसजेंडर कम्युनिटी

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लखनऊ। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में समाज के हर तबके तक योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है, जिसका प्रभाव ट्रांसजेंडर कम्युनिटी में भी देखने को मिल रहा है। ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लोगों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वो अब परंपरागत आय के साधन छोड़कर नए व्यवसाय से जुड़कर प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। शुक्रवार को भागीदारी भवन, गोमती नगर लखनऊ के प्रेक्षागृह में आयोजित भारत के प्रथम ट्रांसजेंडर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम 2024 में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से जुड़े प्रमुख लोगों ने भी इसका उल्लेख किया। इस अवसर पर ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र और उसके लाभ पर भी चर्चा की गई। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित स्माइल योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ, गरिमा गृह, आयुष्मान प्लस कार्ड, छात्रवृत्ति इत्यादि का लाभ लेने की प्रक्रिया पर भी विमर्श किया गया।

संवेदनशीलता और सम्मान के साथ मौलिक अधिकारों पर हुई चर्चा

कार्यक्रम के दौरान महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए अच्छा काम कर रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वो अपने परंपरागत आय के साधन छोड़ कर नए व्यवसाय अपना रहे हैं और समाज और देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। वहीं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण, असीम अरुण ने कहा कि योगी सरकार समाज के हर व्यक्ति को समान रूप से विकास के अवसर प्रदान कर रही है। इसी कड़ी में ट्रांसजेंडर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया गया है। हमारा प्रयास है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में सम्मानजनक स्थान मिले एवं समाज की मुख्य धारा में आकर वह अपने एवं देश के विकास में अपनी भूमिका निभा सकें।

समाज में मिल रहा समान अधिकार

कार्यक्रम के दौरान साहित्य, कला एवं संगीत के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्य धारा में लाने की आवश्यकता और प्रयासों पर भी परिचर्चा हुई। इसके अलावा कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक, नृत्य नाटिका,रैंप वॉक, भावाभिव्यक्ति द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि उन्हें भी समाज में समान अधिकार है और समाज को बदलने को हम भी अपना योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत समाज कल्याण राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) असीम अरुण द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड सोनम चिश्ती, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण डॉ. हरिओम, निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत,महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि, देविका देवेंद्र एस मंगलामूखी, सदस्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़ी प्रमुख हस्तियों ने प्रतिभाग किया।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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