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बिजनेस

EPFO ने ब्याज दर बढाने का लिया फैसला, पांच करोड़ से अधिक लोगों को होगा फायदा

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EPFO

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नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने आज मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 2022-23 के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है। मार्च 2022 में EPFO ने अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के लिए 2021-22 के लिए ब्याज दर को घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था। यह 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। यह 1977-78, के बाद सबसे कम था, जब ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत थी।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने लिया फैसला

EPFO के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। सीबीटी ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर का फैसला मार्च 2021 में किया था।

अंशधारकों को कितना दिया ब्याज?

ईपीएफओ ने मार्च 2020 में 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था। ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने अंशधारकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था।

2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक थी। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।

खातों में जमा किया जाएगा ब्याज

CBT के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफओ में जमा राशि पर ब्याज पांच करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के खातों में जमा कर दिया जाएगा।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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