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उत्तर प्रदेश

जब तक मां व मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित न कर लें, तब तक हर व्यक्ति अधूराः सीएम योगी

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बस्ती |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्म के हेतु का कारण है। प्रभु श्रीराम ने प्रेरणा दी कि व्यक्ति कितना भी बड़ा और यश-धनधान्य से परिपूर्ण न हो जाए, वह तब तक अधूरा है, जब तक मां और मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित न कर ले। मां की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखते और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य निभाते हुए गरीब छात्र भी अच्छी व आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर सके, इसके लिए दोनों भाइयों ने मां के नाम पर कर्मा देवी समूह और पिता के नाम पर फॉर्मेसी कॉलेज स्थापित किया। उनका उद्देश्य था कि इसके जरिए हजारों बच्चे कर्मपथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त करते हुए सम्मान के साथ स्वावलंबन का जीवनयापन करें। एक व्यक्ति का स्वावलंबन समाज व राष्ट्र का स्वावलंबन होता है।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को कर्मा देवी समूह के 15वें स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की।

सीएम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों व शिक्षकों को सम्मानित किया। सीएम ने ओमनी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर का बटन दबाकर शिलान्यास किया। सीएम ने सरोज सिंह व देवमंगल सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सरोज सिंह जब मंदिर आती थी, तब कहती थीं कि एक दिन आप मुख्यमंत्री बनेंगे।

मां की साधना के बिना संभव नहीं थी यह सफलता

सीएम योगी ने कहा कि व्यक्ति पर पांच ऋण होते हैं। मां, पिता, गुरु, मातृभूमि व देवगणों के लिए जो कुछ भी कर पाएंगे, उनकी स्मृतियों व आदर्शों को जीवन में जिस हद तक अंगीकार करने का प्रयास कर पाएंगे, यही उद्धण होने का माध्यम होता है। ओएन सिंह व देवमंगल सिंह का प्रारंभिक जीवन संघर्षों से भरा था। जब पूर्वी उप्र संसाधन के अभाव में जूझ रहा था, सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, शिक्षण संस्थान, रोजगार के साधन नहीं थे, उन स्थितियों में अपनी शिक्षा को अनवरत बनाए रखना मां की साधना के बिना संभव नहीं था। 1981 में देवमंगल सिंह (अब स्मृतिशेष) आईएफएस बने व 1983 में ओएन सिंह उप्र पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर अधिकारी बने।

तत्कालीन सरकारों ने प्रतिभा को किया कुंद

सीएम ने कहा कि जो निर्णय 50 वर्ष पहले होना चाहिए था, उसे 50 वर्ष पीछे करके यहां के युवाओं को पलायन के लिए मजबूर किया, तत्कालीन सरकारों ने उनकी प्रतिभा को कुंद किया। सरकारें यहां की समृद्धि में बाधक रहीं। यदि 50 वर्ष पहले नर्सिंग, फॉर्मेसी, लॉ कॉलेज, बीसीए इंस्टीट्यूट, सीबीएसई बोर्ड के अच्छे विद्यालय स्थापित होते, निजी क्षेत्र में हॉस्पिटल व ट्रॉमा सेंटर बनते तो यहां का युवा भी देश के अंदर प्रत्येक क्षेत्र में छा जाता। जिन माता-पिता ने प्रयास किया, उनके बच्चे बढ़ गए। जिनके पास साधन नहीं थे, उनके बच्चे पिछड़ गए। नर्सिंग का क्षेत्र ऐसा है, जहां अच्छी शिक्षा दे दी जाए तो प्लेसमेंट की गारंटी सौ फीसदी है। भारत के नर्सिंग-पैरामेडिक्स की मांग पूरी दुनिया में है।

पीएम मोदी ने फॉर्मा उद्योग को किया पुनर्जीवित

सीएम ने कहाकि कोरोना में चीन ने धोखा दे दिया। दवाइयां नहीं भेजीं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के फॉर्मा उद्योग को पुनर्जीवित किया और दवाइयां यहीं पर मिलनी प्रारंभ हुई यानी जिन दवाओं के लिए हम दुनिया पर निर्भर रहते थे, उसे फॉर्मा उद्योग आगे बढ़ा सकता है। उप्र में सरकार फॉर्मा पार्क बना रही है। इसमें 2000 एकड़ क्षेत्र में फार्मा से जुड़े अलग-अलग उद्योग लगने जा रहे हैं। पहले चरण में बुंदेलखंड में इस कार्य को आगे बढ़ाया है। वहां उद्योग लगने शुरू हो गए हैं। लोगों ने प्रोडक्शन की तैयारी शुरू कर दी।

नकारात्मक दृष्टि बनी तो नीचे होंगे और सकारात्मक दृष्टि बनाई तो छाने में समय नहीं मिलेगा

सीएम योगी ने कहा कि विकसित देशों ने योग्यता, तकनीक व परिश्रम की पराकाष्ठा को महत्व व प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाकर स्वावलंबन के पथ पर अग्रसर किया। पीएम ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प रखा है। दुनिया भारत के महत्व को समझ रही है। भारत की प्रतिभा को जहां भी मौका मिला, उसने खुद को सााबित किया। दुनिया की 100 प्रतिष्ठित कंपनियों में से 20 के सीईओ भारत के युवा हैं। तकनीक बहुत आगे बढ़ चुकी है, हम भी इससे पीछे नहीं भाग सकते। लेकिन हमें नैतिक निहितार्थ व सुरक्षात्मक उपायों को अपनाना पड़ेगा। यदि दृष्टि नकारात्मक बनी तो नीचे होंगे और सकारात्मक दृष्टि बनाई तो छाने में समय नहीं मिलेगा।

सकारात्मक सोच की सरकार आई तो मुंडेरवा में चीनी मिल कर रही कार्य

सीएम योगी ने कहा कि सरकार व समाज मिलकर कार्य करेंगे तो अवश्य परिणाम आएगा। लगभग दो दशक पूर्व मुंडेरवा चीनी मिल के किसानों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। सकारात्मक सोच की सरकार आई तो आज मुंडेरवा में चीनी मिल आज कार्य कर रही है। एक सरकार ने इसे बेच दिया, दूसरी ने इसे खोल दिया। कार्य करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए, संसाधन आड़े नहीं आता। हमें दिग्भ्रमित नहीं होना है, बल्कि सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ना है। बस्ती अब मॉडल नगर बन चुका है। उन्होंने कहा कि यहां का तपसी धाम एकमात्र धर्मस्थल है, जहां क्रांतिकारियों की स्मृति में भंडारा होता है। इजराइल के साथ बस्ती के अंदर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हुई है। यहां होर्टिकल्चर का बेहतरीन सेंटर बनकर उभरा है। सीएम ने यहां के प्रोडक्ट, क्लाईमेट चेंज, आर्गेनिक प्रोडक्ट, प्राकृतिक खेती, क्वालिटी, निराश्रित गोआश्रय स्थल पर भी चर्चा करते हुए किसानों को सफलता का मंत्र दिया।

शॉर्टकट लक्ष्य तक पहुंचने का नहीं, बल्कि गड्ढे में गिरने का रास्ता

सीएम योगी ने युवाओं से कहा कि जीवन में परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। कड़ी मेहनत की आदत डालें। शॉर्टकट लक्ष्य तक पहुंचने का नहीं, बल्कि गड्ढे में गिरने का रास्ता होता है। सही लक्ष्य की दिशा में किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं होता। सीएम ने कहा कि संस्थान के पदाधिकारियों व शिक्षकों से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्किल डवलपमेंट पर अधिक फोकस है। कोई भी छात्र जब संस्थान से निकले तो वह असहाय न हो, बल्कि आत्मविश्वास हो कि वह पैरों पर खड़ा हो सकता है। सीएम ने बहुभाषी होने पर भी जोर दिया। बोले कि महाकुम्भ-2025 में भाषिणी ऐप का भी प्रयोग कर रहे हैं। सीएम ने अभ्युदय योजना की चर्चा की। उन्होंने एनसीआर का उदाहरण देकतर पराली में आग न लगाने, अधिक से अधिक वृक्ष लगाने, शुद्ध पेयजल, सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट देशी मॉडल खाद के गड्ढे बनाने आदि की चर्चा की।

समारोह में कर्मा देवी समूह के संस्थापक व यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष ओम नारायण सिंह, प्रबंधक नीता सिंह, गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, हर्रैया विधायक अजय सिंह, पूर्व विधायक रवि सोनकर, दयाराम चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र, ट्रस्टी डॉ. स्मृति सिंह, अंशु सिंह, यजुवेंद्र विक्रम सिंह, सृष्टि सिंह, अमित सिंह आदि उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

गाय के दूध के उत्पादन में भी नंबर वन बनेगा यूपी

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लखनऊ। गोवंश का गोरक्षपीठ की परंपरा रही है। गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर की गोशाला इसका प्रमाण है। गोवंश की देशी प्रजातियों के लिहाज से ये गोशाला बेहद समृद्ध है। पीठ की परंपरा के अनुसार गोवंश का संरक्षण मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निराश्रित गो वंश का संरक्षण, गो पालकों कई तरह की रियायत और देना इसी की कड़ी है। इसी तरह गोवंश निरोग रहें इसलिए उनका नियमित टीकाकरण, नस्ल सुधार, इसके जरिए उनकी उत्पादकता बढ़ाने काम भी योगी सरकार लगातार कर रही है।

गोवंश के संरक्षण और संवर्धन का ये सिलसिला जारी रहा तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश गाय के दूध के मामले में भी देश नंबर वन होगा। अभी यह उपलब्धि राजस्थान के नाम पर दर्ज है। उत्तर प्रदेश का स्थान दूसरा है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दुधारू गायों की संख्या करीब 0.66 करोड़ है। इनसे कुल 5.29 मिलियन टन दूध प्राप्त होता है। प्राप्त दूध में ।विदेशी नस्ल की गायों का दूध 1.7 मिलियन टन और मिश्रित एवं देशी नस्ल के दूध की मात्रा 4.2 मिलियन टन है।

चूंकि देशी नस्ल की गाय का दूध विदेशी नस्ल की गायों से गुणवत्ता में बेहतर होता है। इनका विकास भारतीय जलवायु में हजारों वर्ष के अनुकूलन (कंडीशनिंग) के बाद हुआ है। लिहाजा भारतीय परिस्थितियों में इनको पालना आसान है। यही वजह है कि योगी सरकार का फोकस देशी गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन पर ही है।

आने वाले समय में गोरखपुर और भदोही के पशु चिकित्सक महाविद्यालय के बन जाने पर देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्द्धन को और बढ़ावा मिलेगा। यहां होने वाले शोध का लाभ उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों के पशुपालकों को मिलेगा। इसका लाभ देशी गोवंश की बढ़ी उत्पादकता के रूप में मिलेगा। ऐसे में 16% हिस्सेदारी के साथ दूध के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान रखने वाला उत्तर प्रदेश गायों के दूध के उत्पादन के मामले में भी देश में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा।

इसी मंशा से मुख्यमंत्री योगी ने पिछले दिनों गोरखपुर में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गोरखपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाय। महाविद्यालय में पशुओं के रखने, चारागाह के लिए हो पर्याप्त रिजर्व लैंड हो। और गौ सरोवर भी बनाएं।

गोरखपुर के ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष 3 मार्च को किया था। 80 एकड़ में क्रमवार तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे। 2026 तक पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

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