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नोएडा में सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील की हत्या, पति पर वारदात का शक

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा एक महिला वकील की उन्ही के घर में हत्या कर दी गई। मृतक वकील का नाम रेनू सिंघल है। हत्या का आरोप महिला के पति पर लगा है। लगभग 60 साल की रेनू सिंघल की लाश पॉश इलाके में कोठी के अंदर से मिली. महिला के भाई और अन्य परिजनों ने पुलिस को मौके पर बुलाकर दरवाजा खुलवाया था। गेट खोल कर देखने पर महिला का शव मिला. महिला पति के साथ कोठी में रहती थी। फिलहाल पति मकान में मौजूद नहीं है। थाना सेक्टर 20 पुलिस और सीनियर अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. महिला के पति पर ही मृतका के भाई ने हत्या की आशंका जताई है।

वहीं महिला का बेटे अमेरिका में रह रहा है, उसका नाम मानव गौतम है। पुलिस के साथ-साथ घटनास्थल पर डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। इस घटना के बाद से ही मृतका का पति फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार प्रॉपर्टी बेचने को लेकर पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता था। डीसीपी नोएडा हरीश चंद्र ने कहा कि सेक्टर 30 की पुलिस को सूचना मिली थी। मृतका के भाई ने सूचना दी। दोनों दरवाजों को तोड़ा गया. महिला मृत अवस्था में पाई गई, पति सुबह से मिसिंग है और फोन स्विच ऑफ जा रहा है। मृतका के भाई ने उसके पति पर शक जाहिर किया है. पोस्टमार्टम के लिए बॉडी भेज दिया गया है। बाकी सारी चीजें पोस्टमार्टम के बाद ही साफ होंगी. पुलिस हर एंगल से मामले की पड़ताल में जुटी है।

इससे पहले शनिवार को भी दक्षिण दिल्ली से लापता हुई 45 साल महिला का शव नोएडा में मिला। मृतका की पहचान पिंकी के रूप में हुई. पिंकी निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन में क्लर्क के रूप में काम करती थी और शुक्रवार से लापता थी।अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह अंबेडकर नगर थाने में एक महिला के लापता होने की सूचना मिली थी।

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प्रादेशिक

ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा: सुखविंदर सिंह सुक्खू

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा।

विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट के मामले 10 लाख रुपये से ऊपर के कर्ज के लिए भी लागू रहेंगे। पिछली सरकार ने पॉलिसी लाई तो कुछ ने फायदा उठाया और कुछ ने नहीं। ऐसे लोग जिनका लोन 10 लाख या इससे ऊपर हो गया। गरीब लोग जो ऋणी हैं, उनके लिए विचार करेंगे कि उन्हें कैसे राहत मिले। यह नीति न केवल सहकारी बैंक बल्कि राज्य कृषि सहकारी बैंक में भी लागू होगी।

सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरा अध्ययन करने के बाद होटलों और भवनों के अतिक्रमण पर संबंधित संचालकों को एकमुश्त राहत देगी। कहा कि जिनके एटिक बने हैं, उनका पूरा अध्ययन करेंगे। देखा जाएगा कि उनके लिए क्या किया जा सकता है। कानून की परिधि में रहकर ही विचार किया जा सकता है। इस बारे में पहले रिटेंशन पॉलिसी भी आ चुकी है। कोर्ट का भी इस पर फैसला आया है। एटिक बनाई है तो उसे रेगुलर करने का नियमानुसार काम होगा।

 

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