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उत्तर प्रदेश

अपहरण मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह दोषी करार, आज होगा सजा का एलान

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जौनपुर। उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे धनंजय सिंह को कोर्ट ने अपहरण और रंगदारी केस में दोषी करार दिया है। अब जौनपुर की कोर्ट आज सजा का ऐलान करेगी। जौनपुर के पूर्व सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को जौनपुर के MP-MLA कोर्ट ने नमामि गंगे के इंजीनियर से रंगदारी मांगने और उसके अपहरण के मामले में दोषी करार दिया है। इनके खिलाफ 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर व मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल के खिलाफ अपहरण, रंगदारी सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।

एफआईआर में बताया गया कि संतोष विक्रम दो अन्य साथियों की मदद से प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद धनंजय सिंह के घर ले गए थे। वहां धनंजय सिंह पिस्टल अड़ाकर कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने का दबाव बनाया और धमकी देते हुए रंगदारी मांगी। मामले में गिरफ्तार के बाद पूर्व सांसद को जमानत मिल गई थी। जौनपुर अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने मंगलवार को अपहरण-रंगदारी मामले में सुनवाई करते हुए धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम को दोषी करार दिया है। पुलिस ने कोर्ट से दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पूर्वांचल से एक बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए बाहुबली नेता धनंजय सिंह का सियासी सफर मंडल कमीशन के विरोध से शुरू हुई थी। पहले जौनपुर के टीडी कॉलेज और फिर लखनऊ विवि की स्टूडेंट पॉलिटिक्स में धनंजय सिंह बड़ा नाम था। हत्या और वसूली के आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे। 1998 में उनके खिलाफ 12 प्रकरण दर्ज थे। पुलिस ने 50 हजार इनाम घोषित किया था। 17 अक्टूबर 1998 को भदोही मिर्जापुर रोड स्थित पेट्रोल पंप पर डकैती की सूचना पर पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में धनंजय को मृत घोषित कर दिया था। कुछ दिन वह लापता रहे, लेकिन सालभर बाद अचानक प्रकट हो गए। जिसके बाद फर्जी एनकाउंटर दिखाने वाले 34 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआइआर हुई थी।

धनंजय सिंह ने विधानसभा का पहला चुनाव 2002 में जौनपुर की रारी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीता था। इसके बाद 2007 में जनता यूनाइटेड की टिकट पर विधायक बने। 2008 में बसपा ज्वाइन की और 2009 में सांसद बन गए। हालांकि, बाद में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए मायावती ने बसपा से निष्कासित कर दिया था। धनंजय सिंह ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए। 2012 में पत्नी जागृति सिंह को चुनाव लड़वाया था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। 2017 में धनंजय सिंह ने जौनपुर की मलहनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन मुलायम की एक सभा ने बाजी पलट दी। सपा प्रत्याशी पारस यादव मामूली अंतर से जीत गए थे। 2024 का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन जेल चले गए।

 

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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