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उत्तर प्रदेश

गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज को मिलेगा एम्स भोपाल और गोरखपुर का साथ

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गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के निदेशक एवं एम्स गोरखपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. अजय सिंह ने गुरुवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर का भ्रमण एवं निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खास तौर पर गुरु गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज) की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और उपलब्ध सुविधाओं को उत्कृष्ट बताया। प्रो. अजय सिंह ने कहा कि एम्स भोपाल और गोरखपुर इस मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर पूर्वांचल के मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।

एम्स भोपाल के निदेशक महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के परिसर और कार्य संस्कृति को देखकर काफी प्रभावित हुए और मुक्त कंठ से इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करना नई उपलब्धियों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि एम्स भोपाल और गोरखपुर के द्वारा गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज को लाइव आसीयू सेवाएं दी जाएंगी। गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को देखकर प्रो. सिंह ने खुशी जताते हुए कहा कि एम्स भोपाल, गोरखपुर और इस मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल के साझा प्रयास से मरीजों को और भी उत्कृष्ट सुविधाएं दी जा सकती हैं।
प्रो. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में एम्स भोपाल व गोरखपुर गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज के मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ व विद्यार्थियों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण उपलब्ध कराएंगे। प्रशिक्षण के बाद इसका लाभ सीधे तौर ओर मरीजों को मिलेगा।

एम्स निदेशक के निरीक्षण के दौरान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने उन्हें बताया कि लाइव आसीयू सेवा के लिए मेदांता हॉस्पिटल भी गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज से जुड़ चुका है। इस मेडिकल कालेज में क्रिटिकल मरीजों के उपचार प्रारंभ है। साथ ही 24 घंटे सर्जरी इमरजेंसी भी संचालित है। कुलपति ने बताया कि बीते कुछ दिनों में यहां जटिल कैंसर की दो सर्जरी भी सफलतापूर्वक की जा चुकी है। इसके साथ ही यहां 18 बेड की डायलिसिस यूनिट भी संचालित है।

एम्स निदेशक प्रो. सिंह के आगमन पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा और आयुर्वेद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गिरिधर वेदांतम ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर नर्सिंग व पैरामेडिकल संकाय की अधिष्ठाता डॉ. डीएस अजीथा, संबद्ध स्वास्थ विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार सिंह, कृषि विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दुबे, पैरामेडिकल के विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित कुमार श्रीवास्तव, फार्मेसी विभाग के हेड डॉ. शशिकांत सिंह, कॉमर्स के विभागाध्यक्ष डॉ. तरुण श्याम आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं

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अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में हैं। यहां वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान जी की आरती उतारी। इसके बाद वह राम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। इसके बाद सीएम योगी प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन पहुंचे, जहां उन्होंने जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के सानिध्य में चल रही पंचनारायण महायज्ञ में आहुति दी।

पंचनारायण महायज्ञ में आहुति देने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ही देश का राष्ट्रीय धर्म है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम त्रेता युग की अवधारणा को जिंदा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विश्व को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित करना ही होगा। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि औरंगजेब की वंशजों का आज क्या हाल है। जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा उनका कुल और वंश खत्म हो गया। आज उनके वंशज रिक्शा चला रहे हैं। यह दुर्गति हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना होगा। हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही। सीएम योगी ने कहा “दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है, जिसने हर मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है, लेकिन कभी हिंदुओ के साथ ऐसा हुआ क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था?”

योगी आदित्यनाथ ने काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र करते हुए कहा “कभी काशी विश्वनाथ धाम, कभी अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में। हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया। पता चला कि औरंगजेब के खानदान का व्यक्ति कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसकी औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।”

योगी आदित्याथ सहित अन्य नेता अयोध्या के साथ काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। काशी और मथुरा दोनों जगह मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। हालांकि, संभल का जिक्र अब तक नहीं होता था। पिछले महीने स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंची थी। इस दौरान उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प के बाद प्रशासन सख्त हुआ और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई। बिजली चोरी की जांच के बीच पुराना मंदिर मिला, जो 46 साल से बंद था। इस मंदिर के पास खुदाई में कुआं मिला और कुएं में मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल भी चर्चा में आ गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वहां पूजा करने का अधिकार हिंदुओं का है।

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