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बिजनेस

स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश का शानदार अवसर, सरकार ने बढ़ाई ब्याज दरें

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government increased the interest rates in small savings scheme

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नई दिल्ली। स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश का शानदार अवसर आ गया है। इन सरकारी सेविंग स्कीम में आपको कम निवेश और समय में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। दरअसल, हाल ही में सरकार ने कुछ स्मॉल सेविंग स्कीम पर 70 bps (बेसिस पॉइंट) ब्याज दरें बढ़ाई हैं। वहीं कुछ सेविंग स्कीम की निवेश लिमिट में भी बदलाव किया है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि सीनियर सिटीजन स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमों की ब्याज दरों में इजाफा किया गया है।

बता दें कि पिछले 9 महीनों में यह तीसरी बार है, जब केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। फिलहाल, स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरें 4.0% से 8.2% के बीच हैं। नए ब्याज दरें 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो चुकी हैं।

किन योजनाओं पर कितना बढ़ा ब्याज

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर 8% से बढ़ाकर 8.2% किया गया। NSC पर ब्याज दर 7% से बढ़ाकर 7.7 % , सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर को 7.6% से बढ़ाकर 8% व KVP की निवेश टाइम लिमिट को 120 महीने से घटाकर 115 महीने कर दिया गया। अब इस पर 7.5% तक ब्याज मिलेगा।

सरकार ने बुजुर्गों के लिए चलाई जा रही सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर निवेश लिमिट बढ़ाई है। इसमें सिंगल अकाउंट के लिए लिमिट 4.5 लाख से बढ़कर 9 लाख कर दी गई है। जॉइंट अकाउंट पर सीमा 7.5 लाख की जगह 15 लाख कर दी गई है।

हालांकि, PPF और पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की दरों में बदलाव नहीं हुआ है। PPF पर ब्याज दर अभी भी 7.1% ही है। सेविंग डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दर भी 4% ही है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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