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जीएसटी मुआवजे के 16,982 करोड़ का भुगतान अपने कोष से करेगी सरकार: वित्त मंत्री
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जीएसटी मुआवजे के लंबित बकाया का पूरा भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा। सरकार जीएसटी मुआवजे के 16,982 करोड़ रुपये का भुगतान अपने कोष से करेगी। जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री ने मीटिंग में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी राशि जीएसटी के लिए बनाए गए मुआवजा कोष में उपलब्ध नहीं है, लेकिन हमने इस राशि को अपने संसाधनों से जारी करने का फैसला किया है। भविष्य में मुआवजा उपकर संग्रह से इतनी ही राशि वसूल की जाएगी।
जीएसटी काउंसिल के अहम फैसले
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मुआवजे की रिलीज के साथ केंद्र जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के मुताबिक 5 वर्षों के लिए अस्थायी रूप से बनाई गई क्षतिपूर्ति व्यवस्था की पूरी राशि का भुगतान कर देगा।
वित्त मंत्री ने जीएसटी काउंसिल के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि हमने आज घोषणा की है कि जीएसटी मुआवजे के लंबित शेष का पूरा बकाया चुका दिया जाएगा। जीएसटी मुआवजे का कुल बकाया 16,982 करोड़ रुपये है।
इन वस्तुओं पर घटी जीएसटी
निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने तरल गुड़ (राब), पेंसिल शार्पनर और कुछ ट्रैकिंग उपकरणों पर जीएसटी घटा दिया। बैठक के बाद मंत्री ने मीडिया को यह भी बताया कि पान मसाला और गुटखा उद्योग द्वारा कर चोरी की जांच करने और वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) पर जीओएम (मंत्रियों का समूह) की रिपोर्ट आ गई हैं। इस पर आगे विचार किया जाएगा।
किन चीजों पर कितनी घटी जीएसटी
पेंसिल शार्पनर पर GST 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है। इसके अलावा, कुछ शर्तों के अधीन टैग ट्रैकिंग डिवाइस या डेटा लॉगर पर जीएसटी में कमी की गई है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने नियत तारीख के बाद वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर विलंब शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का फैसला किया है। बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों (विधायिका के साथ) और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
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पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।
वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’
उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’
‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’
प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।
पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन
इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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