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प्रादेशिक

गुजरात के कोविड अस्पताल में लगी आग, हादसे में 16 लोगों की मौत

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अहमदाबाद। गुजरात के भरूच शहर के कोविड अस्पताल में आग लग गई। इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई। आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते इसकी लपटें आईसीयू वार्ड तक पहुंच गई।

इस भीषण आग से बचने के लिए हॉस्पिटल में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। लेकिन इसकी चपेट में कई मरीज आ गए। सूचना पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया।

बताया जा रहा है कि आग शुक्रवार (30 अप्रैल) देर रात 12:30 से एक बजे के बीच लगी। जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 14 मरीजों और दो नर्सों की जान चली गई है। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है- ”भरूच अस्पताल में लगी आग से हुई मानवीय क्षति के कारण दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी सहानुभूति है।”

गुजरात

गुजरात में अल्प्राजोलम बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 107 करोड़ रु की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोग गिरफ्तार

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आणंद। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने आणंद जिले में अल्प्राजोलम नाम का पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. एटीएस टीम ने इस दौरान मौके से 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

एजेंसी के अनुसार, एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्ट्री किराए पर ली थी. यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का निर्माण कर रहे थे. सहायक पुलिस आयुक्त (एटीएस) हर्ष उपाध्याय ने बताया कि अल्प्राजोलम एक पदार्थ है.

अल्प्राजोलम के दुरुपयोग के कारण यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आता है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने गुरुवार की शाम फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान 107 करोड़ रुपये की कीमत का 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम पदार्थ मिला. इसी के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अल्प्राजोलम को तैयार करने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) लाइसेंस जारी करता है. यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है. छापेमारी के समय आरोपियों से जब लाइसेंस मांगा गया तो उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. इस दौरान पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी.

 

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