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नेशनल

पुलिस कस्टडी में नहीं चलेगा बीमारी का बहाना, SC ने खींच दी स्पष्ट लकीर

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Muslim side also got a blow from SC in Shri Krishna Janmabhoomi dispute

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नई दिल्ली। अक्सर देखा जाता है कि आरोपी गिरफ्तार होने के बाद अचानक बीमार हो जाता है और अस्पताल में भर्ती हो जाता है। कई बार नेताओं के केस में भी देखा जाता है। इससे होता ये है कि इलाज के दौरान ही पुलिस कस्टडी की मियाद खत्म हो जाती है। पुलिस आरोपी से ठीक तरह से पूछताछ भी नहीं कर पाती है।

अब देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस बाबत महत्वपूर्ण बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे मामले में जो भी समय इलाज में लगा है उसके एवज में आरोपी से पूछताछ के लिए पुलिस को अतिरिक्त समय दिया जा सकता है।

जांच प्रक्रिया से खेलने की परमिशन नहीं

जस्टिस एमआर शाह और सीटी रवि कुमार की पीठ ने कहा कि किसी भी आरोपी को जांच प्रक्रिया या अदालत की प्रक्रिया से खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि सच्चाई तक पहुंचने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ जांच एजेंसियों के हित में महत्वपूर्ण अधिकार है और किसी आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया को फेल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

जितने दिन अस्पताल में, उतना टाइम एजेंसी को और

इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखने वाले कोयला घोटाले में एक आरोपी से पूछताछ करने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया। दरअसल, सीबीआई को आरोपी की 7 दिन की कस्टडी मिली थी लेकिन एजेंसी केवल ढाई दिन ही सवाल-जवाब कर सकी क्योंकि वह अस्पताल में भर्ती हो गया था और बाद में अंतरिम जमानत मिल गई।

शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर यह फैसला सुनाया। CBI ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें सीआरपीसी की धारा-167(2) के तहत आरोपी को रिहा करने को कहा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जज के 16 अप्रैल 2021 के आदेश के आधार पर सीबीआई को आरोपी की चार दिन की हिरासत लेने की अनुमति दे दी। विशेष जज ने 16 अप्रैल 2021 को आरोपी की सात दिन की हिरासत पुलिस (सीबीआई) को दी थी जबकि आरोपी 18 अप्रैल 2021 को अस्पताल में भर्ती हो गया और 21 अप्रैल 2021 को अंतरिम जमानत ले ली जो आठ दिसंबर 2021 तक बढ़ गया।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अनुपम जे कुलकर्णी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के दिन से पुलिस हिरासत 15 दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पीठ ने कहा, ‘हमारी राय है कि कुलकर्णी मामले में इस कोर्ट ने जो रुख अपनाया, उस पर फिर से विचार करने की जरूरत है।’

अन्तर्राष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह के लिए भारत को मिला न्योता, विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे शिरकत

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नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथग्रहण समारोह के लिए भारत को न्योता भेजा है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय की ओर इसकी पुष्टि की गई है। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए ट्रम्प-वेन्स उद्घाटन समिति की ओर से कई देशों के गणमान्य नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है।

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। उनका शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य होने वाले हैं। इसके लिए दुनिया के कई देशों के नेताओं को न्योता मिला है। भारत को भी ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह का न्योता मिला। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।

विदेश मंत्रालय की ओर बताया गया है कि ट्रम्प-वेन्स उद्घाटन समिति के निमंत्रण पर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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