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बिजनेस

आयकर विभाग ने जारी किया ITR Form, करदाताओं को मिलेंगे कई तरह के लाभ

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Income Tax Department issued ITR Form

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नई दिल्ली। भारत के आयकर विभाग ने साल 2023-24 के लिए आईटीआर फॉर्म (ITR Form) जारी कर दिया है। ये फॉर्म 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और इन्हें पहले की तरह आसान रखा गया है, ताकि फाइलिंग करने में करदाताओं को ज्यादा दिक्कत न हो।

आमतौर पर किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए ITR फॉर्म मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में नोटिफाई किए जाते हैं। इस तरह इस बार फॉर्म के जल्दी नोटिफाई होने से करदाताओं को कई तरह से लाभ भी मिलने वाला है।

इन फॉर्म्स को किया गया है नोटिफाई

CBDT द्वारा आयकर रिटर्न फॉर्म 1 से 6 को नोटिफाई किया गया है। आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) हैं जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए हैं।

ITR-3 पेशेवरों द्वारा दायर किया जाता है, जबकि ITR-5 और ITR-6 LLP और व्यवसायों द्वारा दायर किए जाते हैं।

इन सबके अलावा, धर्मार्थ ट्रस्टों, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों, राजनीतिक दलों और विश्वविद्यालयों के लिए आईटीआर फॉर्म-7 को नोटिफाई किया गया था।

सीबीडीटी ने कहा है कि आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया को अधिक कारगर बनाने के लिए इस साल सभी आईटीआर फॉर्मों को समय पर नोटिफाई किया गया है। साथ ही पिछले साल की तुलना में आईटीआर फॉर्म भरने के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सहज और सुगम फॉर्म

ITR-I यानी कि सहज फॉर्म 50 लाख रुपये तक की आय वाले निवासी व्यक्ति द्वारा दायर किया जा सकता है, जो वेतन, एक घर की संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) और 5,000 रुपये तक की कृषि आय से आय प्राप्त करता है।

वहीं, सुगम को व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और फर्मों द्वारा दायर किया जा सकता है। ये वैसे व्यक्तियों के लिए हैं जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और व्यवसाय और पेशे से इनकी आय होती है।

करदाताओं को होगा फायदा

ITR फॉर्म के समय से पहले आने से रिटर्न के स्व-मूल्यांकन के लिए अधिक समय मिलेगा। यानी कि ई-फाइलिंग पोर्टल, तृतीय-पक्ष सॉफ़्टवेयर कंपनियों, करदाताओं और कर पेशेवरों सहित सभी हितधारकों को फाइलिंग के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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