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बिजनेस

डिजिटल पेमेंट में टॉप पर भारत, ग्लोबल ट्रांजेक्शन में 46 प्रतिशत हिस्सेदारी

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India on top in digital payment

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नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट में एक बार भारत ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष रैंकिंग हासिल की है। 2022 में दुनिया में हुए कुल डिजिटल रियल टाइम पेमेंट्स में 46 प्रतिशत भारत में हुए हैं। यह रैंकिंग में भारत के बाद आने वाले चार देशों में हुए कुल लेनदेन से भी अधिक है।

भारत सरकार की ओर से जारी किए गए डाटा के मुताबिक, 2022 में भारत में कुल 89.5 मिलियन रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे, जो कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक है।

भारत ने हासिल किया कीर्तिमान

RBI की ओर से एक्सपर्ट्स ने बताया कि डिजिटल पेमेंट में भारत ने वैल्यू और वॉल्यूम में एक नया कीर्तिमान हासिल किया है, जो दिखाता है कि भारतीय पेमेंट सिस्टम की विश्वनीयता को दिखाता है। MyGovIndia की ओर से इसे लेकर ट्वीट किया गया कि डिजिटल पेमेंट में भारत का दबदबा बना हुआ है। डिजिटल पेमेंट को व्यापक रूप से अपनाने के कारण भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ आगे बढ़ रहा है।

डिजिटल पेमेंट में टॉप 5 देश?

89.5 मिलियन रियल टाइम पेमेंट के साथ भारत इस लिस्ट में टॉप है। इसके बाद 29.2 मिलियन के साथ ब्राजील दूसरे, 17.6 मिलियन के साथ चीन तीसरे, 16.5 मिलियन के साथ थाइलैंड चौथे और 8 मिलियन के साथ साउथ कोरिया पांचवें नंबर पर है।

देश की अर्थव्यवस्था को मिल रहा फायदा

भारत में डिजिटल पेमेंट को सफल बनाने का सबसे बड़ा श्रेय UPI (Unified Payments Interface) को जाता है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कहा गया था कि भारत डिजिटल पेमेंट में दुनिया में नंबर वन बन गया है और इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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