उत्तराखंड
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
देहरादून। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य को अचानक दून के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार की शाम को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। इसके बाद उन्हें दून लाया गया, चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं।मंगलवार की शाम को जगद्गुरु को सांस लेने में समस्या हुई। इसके बाद उन्हें इलाहाबाद से एयरलिफ्ट कर शाम करीब सात बजे दून लाया गया। यहां सिनर्जी अस्पताल में उन्हें उपचार के लिए भर्ती किया गया। जहां चिकित्सकों की टीम की निगरानी में उनका उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि इसी साल फरवरी में भी रामभद्राचार्य की तबियत बिगड़ी थी. उस समय भी उनको देहरादून लाया गया था जहां सिनर्जी अस्पताल में उनका इलाज हुआ. तब उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से संदेश दिया था कि वह कुछ समय के लिए स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं आराम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि, लोगों का विश्वास रखना जरूरी है. कुछ समय बाद, ठीक हो जाने पर फिर कथा करने आएंगे.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट में उन्होंने ये बताया था. क्योंकि देहरादून में उनके शिष्य के अस्पताल में ही उनका नियमत इलाज चलता है इसलिए जगद्गुरु हमेशा इलाज के लिए यहीं आते हैं. तब डॉक्टरों ने बताया था कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य को मौसम बदलने से खांसी और जुकाम कि शिकायत थी. तब सोशल मीडिया और कुछ वाट्सएप संदेशों में उनके निधन को लेकर खबरें प्रसारित की जा रही थीं. इसके बाद एक एक्सक्लूसिव वीडियो में उन्होंने अपने भक्तों के लिए संदेश भेजा था.
उत्तराखंड
उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।
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