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नेशनल

45 साल से शादीशुदा हूं… राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के जवाब पर लगे ठहाके

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I have been married for 45 years… Laughter erupted on Jagdeep Dhankhar reply in the Rajya Sabha

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नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में आज भी हंगामा जारी रहा। राज्यसभा में एक बार फिर मणिपुर मामले को लेकर गहमागहमी दिखाई दी। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को घेरने में लगा है। इस बीच आज गुरुवार को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हुई। वहीं, ठहाके भी लगते दिखे।

खरगे ने सभापति को बताया नाराज

दरअसल, खरगे ने कहा कि मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए। मैंने अपने नोटिस में 8 पॉइंट में ये बताया है कि नियम 267 के तहत चर्चा क्यों होनी चाहिए। हमारा सुझाव है कि आप हमें अपने चेंबर में बुलाइए और 1 बजे तक सदन को स्थगित कीजिए। इस मसले पर समाधान होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कल मैंने आपसे अनुरोध किया था, लेकिन आप शायद नाराज थे।

सभापति बोले मैं 45 साल से…

सभापति हंसे और उन्होंने कहा कि मैं 45 साल से अधिक समय से शादीशुदा आदमी हूँ। मैं कभी क्रोधित नहीं होता। उन्होंने इतना ही कहते ही सदन में ठहाके लगने शुरू हो गए। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम का जिक्र किया और कहा कि चिदंबरम एक प्रख्यात वरिष्ठ वकील हैं। वह जानते हैं कि एक वरिष्ठ वकील के रूप में हमें गुस्सा करने का कोई अधिकार नहीं है, कम से कम प्राधिकार के समक्ष तथा आप (नेता प्रतिपक्ष खरगे) एक प्राधिकार हैं। मैं कभी गुस्सा नहीं करता।

सभापति ने खरगे से कहा कि वह अपनी बात में सुधार कर लें। इस पर खरगे ने कहा कि आप इसे दिखाते नहीं हैं, लेकिन आप अंदर से गुस्से में हैं। खरगे की इस बात पर न केवल सभी सदस्य बल्कि सभापति धनखड़ भी खिलखिला कर हंसने लगे।

प्रधानमंत्री का बचाव क्यों

बाद में धनखड़ ने फिर अपनी बात रखनी शुरू की। कहा कि मैंने अपने नोटिस में 8 पॉइंट में ये बताया है कि नियम 267 के तहत चर्चा क्यों होनी चाहिए। उन्होंने धनखड़ से कहा कि आप बार-बार प्रधानमंत्री का बचाव क्यों कर रहे हैं।

धनखड़ ने जताई निराशा

वहीं, इस बयान पर सभापति जगदीप धनखड़ ने निराशा जताई। उन्होंने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री का बचाव करने की आवश्यकता नहीं है। मुझे किसी का बचाव करने की आवश्यकता नहीं है। मुझे संविधान आपके अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता की ओर से इस तरह की टिप्पणी बहुत अच्छी नहीं है।

राज्यसभा के सभापति ने मणिपुर पर चर्चा के लिए आगे का रास्ता खोजने के लिए सदन के नेताओं को 1 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया है। खरगे ने कहा कि मेरा सुझाव है कि सदन को तब तक के लिए स्थगित कर देना चाहिए।

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पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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