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जहांगीरपुरी हिंसा:दो घंटों तक चला बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने पर रुकी कार्रवाई

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हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा पर पथराव होने के बाद सुर्खियों में आए जहांगीरपुरी में नगर निगम की टीम ने अवैध कब्जों पर कार्रवाई की। इस दौरान कई बुलडोजर ने कार्रवाई करते हुए अवैध अतिक्रमण को गिराया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी किया था, जिसके दो घंटे बाद भी तोड़फोड़ चलती रही,लगातार इलाके में दुकानों से लेकर घरों पर बुलडोजर चलते दिख रहे। यह कार्रवाई तब रुकी जब वृंदा करात कोर्ट का ऑर्डर लेकर जहांगीरपुरी पहुंचीं।

जहांगीरपुरी में एमसीडी के अतिक्रमण हटाओ अभियान पर लोगों का गुस्सा साफ झलक रहा था। लोग कह रहे थे कि हम यहां सालों से ऐसे ही रह रहे हैं लेकिन हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के बाद अचानक से सबकुछ बदल गया। कैमरे में कैद तस्वीरों में बुलडोजर मस्जिद के गेट के पास बनी दुकान पर चलता दिखा। बता दें, ये सब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तक जारी रहा। वहीं, जब इस पर एमसीडी से सवाल किया गया तो जवाब मिला कि अब तक हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक कॉपी नहीं मिलेगी तब तक कार्रवाई जारी रहेगी।

नगर निगम द्वारा अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई होने के चलते बुधवार सुबह से ही जहांगीरपुरी इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात रहे। पिछली पत्थरबाजी व विरोध की घटनाओं को देखते हुए आज छत से लेकर सड़क तक भारी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। दिल्ली पुलिस ने जिस इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होनी है उस पूरे इलाके में बुधवार सुबह फ्लैग मार्च निकला था। पुलिस नहीं चाहती थी कि किसी भी हालत में इलाके में दोबारा तनाव का माहौल बने या हिंसा की कोई भी घटना हो।

करीब साडे दस बजे जहांगीरपुरी के हिंसा वाले इलाके में बुलडोज़र पंहुचा और कार्रवाई शुरू की। इस दौरान कई अवैध दुकानें गिरा दी गईं। एमसीडी की कार्रवाई में जिन दुकानों को हटाया जा रहा है उनमें से एक को चलाने वाली महिला ने सवाल किया कि क्या 15 साल से नगर निगम को अवैध दुकान नहीं दिखाई दे रही थी। हिंदू मुस्लिम के झगड़े में हमारी दुकान को तोड़ दिया, पहले क्यों नहीं तोड़ा? एमसीडी के बुलडोजरों ने कई मकानों का अवैध हिस्सा गिरा दिया, जबकि जितना हिस्सा वैध था वह छोड़ दिया गया।

करीब 11 बजे सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई रोकने का आदेश जारी किया गया। आदेश के दो घंटे बाद तक नगर निगम की कार्रवाई जारी रही। अतिक्रमण को हटाने के लिए निगम कई बुलडोजर लेकर आया था जिसमें कई बुलडोजरों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी होने के बाद कार्रवाई पर रोक लगा दी है, वहीं कई बुलडोजर उसके बाद भी काम जारी रखते दिखे। सड़े 12 बजे याचिकाकर्ता वृंदा सुप्रीम कोर्ट के आर्डर की कॉपी लेकर जहांगीरपुरी पहुंची। तब जाकर कार्रवाई पर रोक लगाई गई। इस करवाई पर ओवैसी, केजरीवाल, राहुल गांधी जैसे कई नेताओं ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। वहीं जहांगीरपुरी निवासी बेहद परेशान हैं।

नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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