उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के लिए सज-संवर गए कालिंदी और गंगा के घाट
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ के पूर्व कुम्भ नगरी प्रयागराज के घाट अपने भव्य स्वरूप में नजर आएंगे। योगी सरकार ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुम्भ नगरी प्रयागराज के प्राचीन घाटों का पुनरुद्धार किया है। पीएम मोदी के आगमन के पूर्व यह बनकर तैयार हो जाएंगे।
11 करोड़ से अधिक की लागत से हो रहा है घाटों का पुनरुद्धार
महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियां गंगा और यमुना के घाट होते हैं। इन घाटाें पर गंगा और यमुना की पावन धारा में श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। योगी सरकार ने इन घाटों का कायाकल्प किया है। जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प हो चुका हैं। प्रोजेक्ट का कार्य समापन पर है। 11 दिसंबर पर पीएम मोदी के आगमन के पूर्व यह भी पूर्ण हो जाएगा।
इन घाटों का हुआ कायाकल्प
गंगा और यमुना नदी के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं। इन सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और कायाकल्प का कार्य पूरा हो चुका है। 11 दिसंबर तक फिनिशिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा।
प्रकाश व्यवस्था, हरित पट्टी और चेंजिंग रूम तैयार
कुम्भ मेला प्रशासन की प्राथमिकता महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उच्च दर्जे की सुविधा प्रदान करना है। ऐसे में घाटों सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। वहीं इन घाटों को सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया गया है। इन घाटों पर काशी की तरह छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है। वहीं स्वच्छ पानी के लिए आरओ लगाया गया है, जबकि सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है। इसी तरह बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था भी है।
उत्तर प्रदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.
शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई
शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.
फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई
इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.
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