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उत्तर प्रदेश

काशी के प्राचीन, पारंपरिक हस्तशिल्प के साथ ही आधुनिक उत्पाद होंगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में शोकेस

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वाराणसी। इतिहास से भी प्राचीन होने का गर्व संजोने वाली काशी जितना आध्यात्म, धर्म, परंपरा और संस्कृति के लिए जानी जाती है, लेकिन काशी की पहचान उसके पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों से भी पूरे विश्व में है। काशी की प्राचीन, पारंपरिक हस्तशिल्प व आधुनिक उत्पाद ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में रंग बिखेरने के लिए तैयार है। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने जा रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में विश्व भर से आने वाले खरीदार बनारस के परंपरागत कारीगरों के हुनर और आधुनिक उत्पादों को देखेंगे। इससे हस्तशिल्पियों समेत अन्य उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार मिलेगा। वाराणसी से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, निर्यातकों समेत सूक्ष्म ,लघू और मध्यम उद्योग के 29 उद्यमियों ने लोकल से ग्लोबल मार्केट में अपना उत्पाद ले जाने के लिए पंजीकरण करा चुके है। पंजीकरण के अभी और बढ़ने की संभावना है।

हुनर को ग्लोबल मार्केट का मिलेगा एक्से

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी के पारम्पारिक हस्त शिल्पियों के हुनर को लोकल के साथ ही ग्लोबल मार्केट में एक्सेस बढ़ाने का मार्ग सुनिश्चित कर रही है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, जीआई उत्पाद समेत अन्य उद्यमियों के लिए इंटरनेशनल प्लेटफार्म देने जा रही है। ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में वाराणसी के उत्पाद नई उड़ान भरने के लिए तैयार है। जिला उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में 15 हस्तशिल्प वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के, 6 सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के (जिसमे लकड़ी के खिलौने , गुलाबी मीनाकारी, व सिल्क उद्योग से जुड़े है) और 8 निर्यातक बनारसी सिल्क साड़ी तथा कालीन उद्योग से जुड़े उद्यमी शामिल हो रहे है । उद्योग विभाग में अभी तक कूल 29 उद्यमियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में महिला उद्यमियों के लिए ख़ास स्टाल लगाया जा रहा है।

वाराणसी के उत्पादकों की यह है राय…

कमाल्या टेक्सटाइल और पनाया ब्रांड के निदेशक वीरेंदर अग्रवाल ने बताया कि ओडीओपी और जीआई उत्पाद बनारसी साड़ी को इंटरनेशनल ट्रेड शो में शोकेस करेंगे। जिससे बनारस की विरासत पूरी दुनिया देखे। सदियों पूर्व काशी राजपरिवार ,उदयपुर ,जयपुर आदि राजघरानों में पहने जानी वाली साड़ियों को रिवाइव करके ख़ास यूपी इंटरनेशल ट्रेड के लिए बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बनारसी उत्पादों को अंतराष्ट्रीय प्लेटफार्म देने की योगी सरकार की बहुत अच्छी पहल है। युवा उद्यमी श्रीजी मेंथा की डायरेक्टर भावना वर्मा का कहना है कि योगी सरकार की इस पहल से हम जैसे उद्यमियों को इंटरनेशनल प्लेटफार्म मिल रहा है। ट्रेडिशनल आर्ट सेण्टर के जावेद ने बताया कि पिछले साल के यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की सफलता के बारे में सुनकर इस बार वे इसमें भाग ले रहे है। ऐसे आयोजन लगातार होने चाहिए।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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