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एक हफ्ते में सरकारी आवास खाली करेंगे केजरीवाल, हमें उनकी सुरक्षा की चिंता: संजय सिंह
नई दिल्ली। मंगलवार को दिल्लीवासियों को नया सीएम मिल गया। आतिशी अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद अब अरविंद केजरीवाल सभी सुविधाएं भी छोड़ देंगे। सांसद संजय सिंह ने इस बात का एलान किया है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से बताया कि अरविंद केजरीवाल अगले एक हफ्ते में सरकारी आवास खाली कर देंगे। संजय सिंह ने बताया कि केजरीवाल अब जनता की अदालत में जाएंगे और उनसे ईमानदारी का सर्टिफिकेट मांगेंगे।
उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री के तौर पर बहुत सारी सुविधाएं किसी व्यक्ति को मिलती है केजरीवाल को भी मिली है। कल इस्तीफ़ा देने के बाद पहले उन्होंने कहा कि हम सारी सुविधायें छोड़ देंगे। उनकी सुरक्षा पर भी सवाल है, कई बार उन पर हमला करने की कोशिश की गई। बीजेपी वालों ने हमला कराए। शारीरिक चोट पंहुचाई गई है। उनके परिवार को लेकर हम चिंतित है।
संजय सिंह ने कहा, ”हम लोगों ने उनको समझाने की कोशिश, लेकिन केजरीवाल ने कहा कि में जेल में रहा, खूंखार अपराधियों के बीच रहा ईश्वर मेरी रक्षा करेगा। आम लोगों के बीच रहेंगे। अभी तय नहीं हुआ कि कहां रहेंगे, लेकिन जल्द ही ठिकाना ढूंढ लिया जायेगा। अभी जिस सरकारी आवास में अरविंद केजरीवाल रहते हैं वो सिविल लाइंस के फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है, जिसके रेनोवशन पर खर्च को लेकर अरविंद केजरीवाल बीजेपी के निशाने पर आ गए थे। बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। जिसके बाद एलजी ने एंटी करप्शन ब्रांच की जांच बिठा दी थी।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’
4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।
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