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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के तीसरे दिन 500 से अधिक विदेशी बायर्स ने कराया रजिस्ट्रेशन

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ग्रेटर नोएड। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के तीसरे दिन रविवार को 500 से अधिक विदेशी बायर्स ने रिजिस्ट्रेशन कराया जोकि इस आयोजन के लिए शानदार सफलता मानी जा रही है। योगी सरकार के दूरदर्शी सोच का परिणाम इस इंटरनेशनल ट्रेड शो ने अपने पहले ही प्रयास में देसी-विदेशी खरीदारों का विश्वास जीत लिया है। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में पांच दिवसीय यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन योगी सरकार करा रही है। जहां, देसी बायर्स के अलावा बड़ी संख्या में एशियाई, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका से बायर्स खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं।

वहीं ट्रेड शो के तीसरे दिन रविवार को इलेक्ट्रॉनिक आईटीएस मैनुफेक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट विषय पर रहा। जिसके अंतर्गत एक्सपर्ट्स ने उत्तर प्रदेश- लीडिंग द ग्रोथ टू इंडियाज आईसीटी मैनुफेक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट विषय पर चर्चा की। इस अवसर पर यूपीईसीएल के चेयरमैन संदीप निरूला ने कहा कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक-आईसीटी मैनुफेक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट में तेजी से ग्रोथ कर रहा है। यह देश के अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणा है।

उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में निवेशक निवेश करने से डरते थे, लेकिन आज स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। योगी जी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान उद्योगों की स्थापना के जिस तरह का सुगम माहौल बना है, उससे उत्तर प्रदेश की तरफ निवेशक अपनी रुचि दिखा रहे हैं। यूपी में इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का जिस तरह स्कोप बढ़ रहा है, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। यही वजह है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां निवेश कर रही है, उससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में काफी मदद मिलेगी।

ईस्टर्न सॉफ्टवेयर सिस्टम के सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा कि नोएडा उत्तर प्रदेश का शो विंडो है। यहां पिछले कुछ साल से सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री ने अपने पांव जमाए हैं। वह कई मायने में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से ग्रोथ हो रहा है, वहीं बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने कहा- यहां जिस तरह इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर सरकार द्वारा ध्यान दिया जा रहा है, उससे आने वाले वषों में कई देसी और विदेशी सॉफ्टवेयर कंपनियां यहां स्थापित होंगी।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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