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राजनीति

दूसरी बार सीएम बनेंगे नायब सिंह सैनी, 15 अक्टूबर को लेंगे शपथ!

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नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेंगे। 15 अक्टूबर को आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

हालांकि हरियाणा में चुनाव के बाद बीजेपी ने अब तक विधायक दल का नेता चुना नहीं है, लेकिन सीएम सैनी ही अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दावेदार माने जा रहे हैं। पहले ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को दशहरा के बाद आयोजित कराया जा सकता है.। अब शपथ ग्रहण 15 अक्टूबर को कराए जाने की खबर है।

PM मोदी और अन्य नेताओं से मिले सैनी

इससे पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद हरियाणा में नई सरकार के प्रमुख के रूप में अपने संभावित शपथ ग्रहण से पहले सैनी ने 2 दिन पहले बुधवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। सैनी ने बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की। सैनी कल गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के लिए बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुलाकात करने पहुंचे।

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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