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जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुना अपना रहनुमा, लेकिन अब शुरू होगा असली खेल
सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ
देर आए दुरुस्त आए.. तीन चरण के मतदान के बाद जम्मू कश्मीर के नतीजे भी या गए.. आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद ये पहला चुनाव है.. आशंका थी कि चुनाव में सीमा पार से आतंकी घटनाएं हो सकती है उन सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार ने घाटी में शांतिपूर्ण चुनाव करवा दिए .. सरकार किसकी बनेगी ये तय हो गया जम्मू कश्मीर के लोगों ने अपना रहनुमा चुन लिया.. लेकिन असली खेल यहीं से शुरू होता है .. सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुआ था. मगर ये चुनाव एक राज्य में नहीं बल्कि केंद्रशासित प्रदेश में कराया गया. और वो केंद्रशासित प्रदेश में जिसके एलजी को पहले ही बेहिसाब ताकत दे दी गई थी. नतीजा, ये कि चुनाव जीते कोई भी सरकार चलाएंगे एलजी ही? ऐसा हम नहीं कह रहे हैं इसको समझने के लिए एलजी की कुछ शक्तियों को जान लीजिए
पुलिस, पब्लिक ऑर्डर सबका मालिक LG
जब पुलिस से लेकर सिविल सेवा अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले उपराज्यपाल के पास होंगे. तो आप अंदाजा लगा लीजिए कि चुनी हुई सरकार क्या करेगी. केवल पुलिस जैसा अहम महकमा ही चुनी हुई सरकार के नियंत्रण से बाहर नहीं होगा. यहां तक की पब्लिक ऑर्डर यानि अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग भी सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर ही रहेगा. इतना ही नहीं वो मामले जिस पर केन्द्र और राज्य, दोनों को कानून बनाने का अधिकार है, उस पर भी जम्मू कश्मीर विधानसभा कानून नहीं बना पाएगी. अगर यहां तक पढ़ कर झटका लगा हो तो थोड़ा और सब्र करिए.
मंत्रियों पर रहेगी LG की लगाम
जम्मू कश्मीर सरकार में मंत्रियों के कार्यक्रम या फिर उनके बैठकों के एजेंडे एलजी ऑफिस को देने होंगे. और यह कम से दो दिन पहले जमा करा देना होगा.
महत्वपूर्ण विभाग के मुखिया होंगे LG
भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए बनी एसीबी यानि एंटी करप्शन ब्यूरो, .. जम्मू कश्मीर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और जेल जैसे अहम विभाग चुनी हुई सरकार के पास न होकर उपराज्यपाल के पास ही होंगे.
LG के फैसलों की नहीं होगी समीक्षा
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून की धारा 55 से साफ हो जाता है. उपराज्यपाल के फैसले की समीक्षा जम्मू कश्मीर की चुनी गई मंत्रिमंडल नहीं कर सकती. बात यहीं खत्म नहीं होती ,उपराज्यपाल के फैसले की समीक्षा विधानसभा भी नहीं कर सकती
LG का नुमाइंदा कैबिनेट की बैठक में रहेगा मौजूद
एलजी के अधिकार का अंत यहीं पर नहीं होता सरकार के काम काज पर सीधी निगरानी के लिए एलजी का एक प्रतिनिधि सरकार की सभी कैबिनेट मीटिंग में भी बैठाने का अधिकार दिया गया है …यानि सम्पूर्ण भारत में जम्मू कश्मीर के सरकार ही एक ऐसी सरकार होगी जिसकी कैबिनेट बैठक में राज्यपाल का प्रतिनिधि शामिल होगा यानि चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में सरकार कोई बना ले मगर चलेगी एलजी की ही. यानि केंद्र सरकार की मतलब जम्मू में जीते भले ही नैशनल कांफ्रेंस हो लेकिन सरकार तो दिल्ली दरबार से ही चलेगी.
नेशनल
पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।
वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’
उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’
‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’
प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।
पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन
इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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