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‘पप्पू’ कहलाने में कोई दिक्कत नहीं, दादी को कहते थे गूंगी गुड़िया: राहुल गांधी

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नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने खुद को राजनीतिक विरोधियों द्वारा ‘पप्पू’ कहे जाने पर कहा कि उन्हें ‘पप्पू’ कहलाने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि ये विरोधियों के प्रचार अभियान का हिस्सा है। भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं। राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू के हिस्से का यह वीडियो अपलोड है।

दादी को कहा जाता था गूंगी गुड़िया

राहुल गांधी से जब यह पूछा गया कि कोई ‘पप्पू’ कह दे तो दिल पर लगा होगा। इस पर उन्होंने कहा, ‘नहीं, ये प्रचार अभियान है। वो जो बोल रहा है, उसके अंदर डर है। उसकी जिंदगी में कुछ नहीं हो रहा है। मेरी दादी इंदिरा गांधी को भी ‘गूंगी गुड़िया’ कहा जाता था, लेकिन आज उन्हें ‘आयरन लेडी’ के नाम से जाना जाता है। ये ही लोग 24 घंटे मुझ पर हमला करते हैं।

मुझे परवाह नहीं

राहुल ने आगे कहा कि मुझे इसकी परवाह नहीं है। आप मुझे कुछ भी बुला सकते हैं। मुझे इसे दिल पर लेने की जरूरत नहीं है। इंदिरा गांधी के लिए राहुल  ने कहा वह मेरे जीवन का प्यार थी। मेरी दूसरी मां।

राहुल से पूछा गया कि क्या आप चाहेंगे कि कोई महिला इंदिरा गांधी के गुणों के साथ आपके जीवन में हो? इस पर उन्होंने कहा, ‘यह एक दिलचस्प सवाल है। मेरी मां और दादी के गुणों का मिश्रण अच्छा है।’

3 जनवरी को फिर शुरू होगी भारत जोड़ो यात्रा

बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंची थी। यात्रा अभी ब्रेक पर है। 3 जनवरी को यात्रा फिर दिल्ली के कश्मीरी गेट से शुरू होगी। जम्मू-कश्मीर में इस यात्रा में फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल होंगी।

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नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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