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उत्तर प्रदेश

लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में अब भक्त नहीं चढ़ा सकेंगे बाहर का प्रसाद, तिरुपति की घटना के बाद लिया गया फैसला

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लखनऊ। आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर हो रहे बवाल के चलते अब कई मंदिरों ने बाहर का प्रसाद चढ़ाने से मना कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर के मुख्य महंत दिव्यागिरी ने बाहरी प्रसाद पर बैन लगा दिया है। महंत ने कहा कि अगर आपको कुछ चढ़ाना है तो मेवा चढ़ा दें क्योंकि मेवा में किसी भी तरह का मिलावट नहीं होती है।

महंत दिव्यागिरि ने आगे कहा कि जैसा अभी हमने देखा कि देश के इतने बड़े और प्रसिद्ध मंदिर में प्रसाद के अंदर मिलावट हो सकती है तो
हमारे मंदिर में भी ऐसा हो सकता है इसलिए हम बाजार में बाहर से बने प्रासादों का बहिष्कार करेंगे।

महंत देव्यागिरि ने जारी किया नोटिस

मनकामेश्वर मन्दिर, लखनऊ की पीठाधीश्वर महंत दिव्यागिरी ने इस बारे में नोटिस जारी किया है। जारी किए गए नोटिस में लिखा गया है- “विशेष सूचना, मन्दिर में भोग हेतु अपने द्वारा बनाया गया प्रसाद/सूखे मेवे ही गर्भगृह में चढ़ाएं। बाजार से लाए गये प्रसाद तिरुपति बालाजी आन्ध्र की घटना के कारण प्रतिबन्धित किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा

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प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।

अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।

वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।

कब होंगे पेपर?

जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।

 

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